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Fact Check : अफगानिस्तान की तालिबान विरोधी ग्रुप ने नहीं किया पहलगाम हमले का बदला लेने को लेकर कोई बात

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर मास्क पहने कुछ लोगों का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में उन लोगों को कथित तौर पर पहलगाम का बदला लेने की बात कहते हुए सुना जा सकता है। वीडियो को शेयर करते हुए यूजर दावा कर रहे हैं कि यह अफगानिस्तान का तालिबान विरोधी ग्रुप लिबरेशन फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान है, जिसने पहलगाम का बदला लेने की आधिकारिक चेतावनी दी है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि अफगानिस्तान की तालिबान विरोधी ग्रुप के नाम से वायरल किया जा रहा यह वीडियो साल 2022 का और एडिटेड है। वीडियो में ऑडियो को एडिट करके पहलगाम हमले का बदला लेने के फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “लिबरेशन फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान ने आधिकारिक तौर पर चेतावनी दी है। पहलगाम का बदला अभी तक नहीं लिया गया है। हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक कि पाकिस्तान या अन्य जगहों पर ISI आतंकियों को खोजकर खत्म नहीं कर देते!!”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल लेंस के जरिये वायरल वीडियो के की- फ्रेम्स को सर्च किया। सर्च किये जाने पर हमें अफगानिस्तान इंटरनेशनल नाम के एक वेरिफाइड एक्स हैंडल पर वायरल वीडियो से जुड़ी पोस्ट मिली। 4 फरवरी 2022 को पोस्ट किए गए वीडियो के साथी दी गई जानकारी के अनुसार, “अफगानिस्तान फ्रीडम फ्रंट’ नाम के एक तालिबान-विरोधी गुट ने अपने बनने की घोषणा की थी। इस गुट ने अपने एक वीडियो में कहा था कि तालिबान द्वारा पत्रकारों, स्वतंत्रता चाहने वाली महिलाओं और प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करना और महिलाओं के अधिकारों को कम करना ही उनके (इस गुट के) बनने की मुख्य वजह है।”

इसी बुनियाद पर सर्च किये जाने पर हमें यह वीडियो 4 फरवरी 2022 को अफगानिस्तान से चलाये जाने वाले फेसबुक पेज पर भी अपलोड मिला। यहां दी गई जनाकारी के अनुसार, “अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ एक नया सैन्य गठबंधन सामने आया है। इस गठबंधन ने एक वीडियो जारी करके अपनी स्थापना की घोषणा की है। वीडियो में तालिबान द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों (खासकर महिलाओं और पत्रकारों के खिलाफ) का विरोध किया गया है।”

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने अफगानिस्तान लिबरेशन फ्रंट को गूगल सर्च किया। सर्च में हमें इसी नाम से बना एक फेसबुक पेज मिला। वहीं, इस पेज पर 4 फरवरी 2022 को एक पोस्ट शेयर की गई है, जिसमें लिखा है, ‘हम एक ऐसा समूह हैं ,जो युवा लोगों के बहुमत से बना है। हम अतीत की किसी पार्टी, राजनेता या राजनीतिक या सैन्य गुट से संबंधित नहीं हैं। हमारी लड़ाई अफगानिस्तान पर शासन करने वाली नीतियों के खिलाफ है।”

इस प्रोफाइल पर हमें 4 फरवरी 2022 को असली वीडियो भी अपलोड किया हुआ मिला।

वायरल वीडियो से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने अंतरराष्ट्रीय मामलों के एक्सपर्ट सौरभ शाही से संपर्क किया और वायरल पोस्ट उनके साथ शेयर की। उन्होंने हमें बताया कि लिबरेशन फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान का यह एडिटेड वीडियो है।

अब बारी थी फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि यूजर को साढ़े 6 हजार लोग फॉलो करते हैं।

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