होम गार्डनिंग से जुड़े तक़रीबन सभी लोग कोकोपीट का इस्तेमाल करते ही हैं। यह मिट्टी का एक बढ़िया विकल्प है, जो वज़न में कम होता है और पौधों को अच्छी नमी देने का काम करता है। इसी वजह से टेरेस गार्डनिंग करने वालों के पास कोकोपीट होता ही है।
यह एक फाइबर पाउडर है, जिसे नारियल के छिल्कों से बनाया जाता है। आजकल यह आसानी से किसी भी नर्सरी या ऑनलाइन स्टोर में मिल जाता है, जो ईंट या पाउडर के रूप में बिकता है। यह 100% प्राकृतिक होता है, इसलिए पेड़-पौधों के लिए बहुत ही अच्छा होता है।
कोकोपीट को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी एकदम हल्की हो जाती है, जिसमें पेड़ों की जड़ों को विकसित होने के लिए आसानी से जगह मिलती है। कोकोपीट में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, जिंक और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं, जो मिट्टी की उर्वरकता को बढ़ाते हैं।
इसमें पानी को सोखकर रखने की क्षमता अधिक होती है और इस कारण से कम पानी में भी आप ज्यादा उत्पादन ले सकते हैं। बाज़ार से तो सभी कोकोपीट लेते ही हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे घर पर बनाना भी बेहद आसान है।
अब सवाल उठता है कि आप कोकोपीट कैसे बना सकते हैं? वैसे तो ज़्यादातर लोग ऑनलाइन ही कोकोपीट मंगवाते हैं। लेकिन अगर आपके पास नारियल के छिल्के हों, तो आप इन्हें फेंकने के बजाय इनसे कोकोपीट बना सकते हैं।
इसे बनाने के यूं तो कई तरीके हैं, लेकिन गार्डनिंग एक्सपर्ट रेशमा रंजन आज हमें बता रही हैं कि अच्छी क्वालिटी का कोकोपीट कैसे बनाया जा सकता है!
रेशमा कहती हैं, “कई लोग नारियल के ऊपरी छिल्के को मिक्सर जार में पीसकर कोकोपीट बना लेते हैं, लेकिन इस तकनीक से रिज़ल्ट अच्छा नहीं मिलता। अच्छी कॉलिटी का कोकोपीट बनाने में थोड़ा समय ज़्यादा लगता है।”
कैसे बनाएं कोकोपीट –
इसके लिए सबसे पहले नारियल के ऊपर वाले छिल्के की ज़रूरत होगी।
आप दो-तीन नारियल के छिल्कों को एक साथ जमा करके इसका इस्तेमाल करें।
आप इन छिलकों को किसी बाल्टी या जार में थोड़ी मिट्टी और पानी के साथ मिलाकर रख दें।
रेशमा कहती हैं कि नारियल के छिल्के को इस तरह से दो महीने तक पानी में डुबोकर रखना बेहद ज़रूरी है।
करीबन दो महीने के बाद, आप पानी से छिल्के निकालकर अलग कर लें। इसका पानी भी एक लिक्विड फ़र्टिलाइज़र का काम करता है।
अब नारियल के छिल्के से पानी सुखाकर इसे छोटे-छोटे टुकड़े में काट लें।
इन टुकड़ों का मिक्सर की मदद से पाउडर बना लें।
आपका होममेड कोकोपीट तैयार हो गया।
इसे एक बार बनाने के बाद आप इसे सालभर से भी ज्यादा समय के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
रेशमा कहती हैं कि जिन टुकड़ों का महीन पाउडर नहीं बना उसे भी फेंकने की कोई ज़रूरत नहीं है। आप इस कोकोनट फाइबर को पौधों में मल्चिंग के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
तो देखा आपने कितना आसान है घर पर कोकोपीट बनाना, तो अगली बार बाज़ार से कोकोपीट खरीदने से पहले, एक बार घर पर इसे बनाने का प्रयास ज़रूर करें।
हैप्पी गार्डनिंग!
संपादनः अर्चना दुबे
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