नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर कीचड़ वाली सड़क से स्कूल जाते हुए बच्चों की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। फोटो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह हाल ही में बारिश के मौसम में खस्ता हालत रोड़ की तस्वीर है। कई यूजर्स इस तस्वीर को उत्तर प्रदेश का बता रहे हैं, तो वहीं कई इसे बिहार का बताते हुए शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। असल में वायरल तस्वीर साल 2019 का है और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले का है, जिसे अब हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है।
क्या हो रहा है वायरल ?
फेसबुक यूजर ‘रियाज़ुल्ला खान’ ने इस तस्वीर को उत्तर प्रदेश का बताते हुए शेयर किया है। यूजर ने कैप्शन में लिखा है, अगर पढ़ेगा पीडीए तो सवाल पूछेगा …बादशाह को ये मंजूर नहीं। धन्ना सेठ कोई तो क्षेत्र छोड़ दें अगर शिक्षा और स्वास्थ लाभ हानि की कसौटी पे कसे जाएंगे तो फिर लोकतंत्र कहां? संविधान कहां,कहां हमारे मौलिक अधिकार,कहां गया शिक्षा का अधिकार? कृषि क्षेत्र में धन्ना सेठ घुसे ,नदियों की जमीनें कंपनियां खरीद रही बैनामा सर्किल रेट से भुगतान 50 हजार रुपए एकड़ जनपद खीरी में ही चल रहा स्कैम।। देश को लूटा पहले ईस्ट इंडिया कंपनी ने अब लूट रहे अडानी और अंबानी । आखिर कब तक चुप रहेंगे? चुप्पी तोड़िए आइए पूंजीवादी सरकारों को उखाड़ फेंकिए नहीं तो हमारी आने वाली पीढ़ियां फिर गुलामी की जिंदगी जीने को मजबूर कर दी जाएंगी।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

फेसबुक यूजर ‘अंजली चौहान’ ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “बिहार में कुछ इस तरह से स्कूल जाने को मजबूर बच्चे.. “स्कूल” जाने के रास्ते बना दो, हम “मंगल” पे जाने के रास्ते बना देंगे..!!!”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
पड़ताल
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक पोस्ट खेमराज मीना पत्रकार नाम के फेसबुक अकाउंट पर मिली। फोटो को 1 सितंबर 2023 को शेयर किया गया था।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट भास्कर हिंदी डॉट कॉम की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 16 अगस्त 2019 को प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वायरल तस्वीर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की है।

अधिक जानकारी के लिए हमने महाराष्ट्र के पत्रकार वरुण सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल तस्वीर करीब छह साल पुरानी है।
अंत में हमने फोटो को भ्रामक दावे से शेयर करने वाली यूजर अंजली चौहान के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर ने ज्यादा जानकारी शेयर नहीं की है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि कीचड़ की सड़क से स्कूल जाते बच्ची की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। असल में वायरल तस्वीर साल 2019 का है और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले का है, जिसे अब हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है।
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