What's Hot

6/recent/ticker-posts

Fact Check : महागठबंधन के बिहार बंद के बाद निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की पुरानी तस्वीर और वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) के विरुद्ध राज्‍य में विपक्ष दलों के महागठबंधन की ओर से 9 जुलाई को चक्‍का जाम का आयोजन किया। कई शहरों में बाजार पूरी तरह से बंद रहे तो कई जगह पर ट्रेनों को रोका गया। पटना में नेताओं के भाषण के लिए बनाए गए अस्‍थायी मंच पर निर्दलीय सांसद राजेश रंजन ऊर्फ पप्‍पू यादव और कांग्रेस नेता कन्‍हैया कुमार का सूची में नाम नहीं होने के कारण नहीं चढ़ने दिया गया। अब इसी से जोड़कर पप्‍पू यादव की एक तस्‍वीर और वीडियो को वायरल करके झूठ फैलाया जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज ने विस्‍तार से इनकी जांच की। पड़ताल में पता चला कि फोटो व वीडियो दोनों ही काफी पुराने हैं। इनका महागठबंधन के बिहार बंद से कोई संबंध नहीं है। 10 जुलाई को पटना में बनाए गए अस्‍थायी मंच की सूची में पप्‍पू यादव व कन्‍हैया कुमार का नाम नहीं था। जिसके कारण उन्‍हें मंच पर नहीं चढ़ने दिया। इस घटना को पुरानी तस्‍वीर और वीडियो के जरिए गलत संदर्भ व दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

Adv Vishvajit Tiwari नाम के एक फेसबुक यूजर ने पप्‍पू यादव की एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए लिखा, “बिहार के चुनावी माहौल मे पूर्व बाहुबली एवं वर्तमान उभरते मसीहा नेता,सांसद को सड़क पर #$% की तरह घसीटा गया। बताया जा रहा हैं कल बिहार बंद के दौरान राहुल गांधी, तेजस्वी के ट्रक पर पीछे से घूसपैठ करके चढ़ने के दौरान सुरक्षाकर्मियों द्वारा इस ढ़ाई कुंतल के वजनी इंसान पप्पू यादव को ढ़केल दिया।”

इसी तरह एक वीडियो भी गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। एक फेसबुक यूजर ने 10 जुलाई को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया, “रोते पप्पू यादव क्या बोले सुनिये। पप्पू यादव को सिर्फ़ मंच से हटाया ही नहीं गया है, बल्कि राहुल गाँधी के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पीटा भी है। उन्हें धक्का मार-मारकर हटाया गया। बिहार बंद के लिए भीड़ जुटाने वाले पप्पू यादव को ऐन मौके पर भगाया गया। कारण – लालू परिवार नाराज़ हो जाता।”

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा है। इसे सच मानकर कई यूजर्स शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरुआत में सबसे पहले कल की मीडिया रिपोर्टस को सर्च किया। हमें जी न्‍यूज के यूट्यूब चैनल पर एक रिपोर्ट मिली। इसमें बताया गया कि सुरक्षा कारणों के कारण पप्‍पू यादव और कन्‍हैया कुमार को मंच पर नहीं चढ़ने दिया गया। वीडियो रिपोर्ट में पप्‍पू यादव को सफेद रंग की आधा बांह की शर्ट पहने हुए देखा जा सकता है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए वायरल तस्‍वीर को गूगल लेंस टूल के जरिए सर्च किया गया। हमें यह तस्‍वीर 28 अक्‍टूबर 2024 की तारीख को पोस्‍ट एक इंस्‍टाग्राम हैंडल पर मिली। इससे यह साफ हो गया कि वायरल तस्‍वीर का 9 जुलाई के महागठबंधन के बिहार बंद से कोई संबंध नहीं है।

अब तक पड़ताल से यह साबित हो गया कि वायरल तस्‍वीर पुरानी है। वायरल तस्‍वीर में पप्‍पू यादव को फुल बांह की टीशर्ट और उसके ऊपर काली जैकेट पहने हुए देखा जा सकता है, जबकि 9 जुलाई को उन्‍होंने सफेद रंग की शर्ट पहनी थी।

जांच को आगे बढ़ाते हुए फिर से गूगल लेंस टूल का इस्‍तेमाल किया गया। 22 दिसंबर 2020 को एबीपी न्‍यूज की एक तस्‍वीर में हमें पप्‍पू यादव की दूसरे एंगल से तस्‍वीर मिली। इसमें बताया गया, “पटना में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इस दौरान जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव के नेतृत्व में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता राजभवन मार्च के लिए पटना के अगमकुआं पहाड़ी स्थित जीरोमाइल से राजभवन मार्च के लिए निकले। लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक दिया।”

23 दिसंबर 2020 को प्रभात खबर की वेबसाइट पर भी आंदोलन से जुड़ी एक खबर को प्रकाशित किया गया। इसमें भी पप्‍पू यादव को जमीन पर गिरे हुए देखा जा सकता है।

वायरल वीडियो की पड़ताल

अब बारी थी वायरल वीडियो के बारे में जानने की। पप्‍पू यादव का यह वीडियो पहले भी कई बार गलत दावे के साथ वायरल हो चुका है। विश्‍वास न्‍यूज ने 15 अक्‍टूबर 2024 को इसकी जांच की थी। दरअसल, वीडियो सितंबर 2018 का है, जब पप्पू यादव ने आरोप लगाया था कि बिहार के मुजफ्फरपुर में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने उन पर हमला किया था। इस वीडियो का महागठबंधन के चक्‍का जाम से कोई संबंध नहीं है।

विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में पप्‍पू यादव ने कहा कि वायरल तस्‍वीर व वीडियो पुराने हैं।

निष्‍कर्ष : बिहार में महागठबंधन के चक्‍का जाम के दौरान अस्‍थायी मंच पर पप्‍पू यादव व कन्‍हैया कुमार को नहीं चढ़ने दिया गया था, क्‍योंकि उनका नाम सूची में नहीं था। वायरल हो रही तस्‍वीर व वीडियो का 9 जुलाई को हुई घटना से कोई संबंध नहीं है।

The post Fact Check : महागठबंधन के बिहार बंद के बाद निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की पुरानी तस्वीर और वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल appeared first on Vishvas News.

Post a Comment

0 Comments