नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में उन्हें तेजस्वी यादव के खिलाफ बोलते हुए सुना जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि बिहार में विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ हुए प्रदर्शन में उन्हें मंच पर चढ़ने नहीं दिया गया। इसके बाद उन्होंने यह बयान दिया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। असल में वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि पांच साल पुराना है। दरअसल, साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पप्पू यादव ने इंटरव्यू देते हुए तेजस्वी यादव को लेकर ये बातें कही थी।
क्या हो रहा है वायरल ?
फेसबुक यूजर ‘संतोष कुमार शर्मा’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “तेजस्वी के नाम से लालू का नाम हट जाए तों कु** भी नहीं पूछेगा – पप्पू यादव…बस एक्के धक्का लगा इसको और अकल आ गई है।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें वीडियो का लंबा वर्जन लाइव सिटी नाम के यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 16 अक्टूबर 2020 को शेयर किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, यह इंटरव्यू वीडियो बिहार विधानसभा चुनाव से पहले का है। असली वीडियो में पप्पू यादव के वायरल बयान को 5.48 से सुना जा सकता है। रिपोर्टर कहता है कि आपका आरोप है कि बिहार का विपक्ष बीजेपी से मिला हुआ है। इसका जवाब देते हुए पप्पू यादव कहते हैं, “गजब बात करते हैं इसमें कोई बहस है क्या चुनाव के बाद आपको पता चल जायेगा। ये लंबी-लंबी बात करते हैं इसका परिचय क्या है यह यह लालू यादव का बेटा है बस ना और क्या परिचय है इसका। आज लालू यादव का नाम हट जाये कु*** पूछ ले ना।”
अधिक जानकारी के लिए हमने सांसद पप्पू यादव के करीबी राजेश यादव से संपर्क किया। उन्होंने दावे का खंडन करते हुए वीडियो को पुराना बताया है।
दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 10 जुलाई 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में विशेष मतदाता पुनरीक्षण को लेकर हुए चक्का जाम में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव सहित कई नेता हिस्सा लेने के लिए भी पहुंचे थे। नेताओं के भाषण के लिए पटना में अस्थायी मंच भी बनाया गया था। लेकिन निर्दलीय सांसद राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का नाम सूची में ना होने की वजह से इन्हें मंच पर चढ़ने नहीं दिया गया था।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को नौ हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि तेजस्वी यादव के खिलाफ बयान देते हुए पप्पू यादव के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। असल में वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि पांच साल पुराना है। दरअसल, साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पप्पू यादव ने इंटरव्यू देते हुए तेजस्वी यादव को लेकर ये बातें कही थी।
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