नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बिहार चुनाव को लेकर जारी सियासी गतिविधियों के बीच राहुल गांधी का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर शेयर हो रहा है। वायरल वीडियो में उन्हें कथित तौर पर कहते हुए सुना जा सकता है कि “आपमें ऑर्थोपेडिक सर्जन की स्किल है, ज्ञान है, सब कुछ है, मगर आप ऑर्थोपेडिक सर्जन नहीं हो!” इसी वीडियो क्लिप को लेकर दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी ने एक बार फिर से कथित तौर पर बेतुका बयान दिया है
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल क्लिप आधा-अधूरा है, जिसे उसके संदर्भ से अलग कर भ्रम फैलाया जा रहा है। राहुल गांधी का संबंधित बयान भारत में प्रतिभावान होने के बावजूद जातिगत पहचान के आधार पर होने वाले ‘भेदभाव’ के आरोप को लेकर था और इसे बताने के लिए उन्होंने एक डॉक्टर का उदाहरण देते हुए कहा कि था कि अगर आप प्रतिभावान पेशेवर हैं तो भी ‘निम्न’ जाति के होने की वजह से आपको ‘भेदभाव’ का सामना करना पड़ेगा।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘High Talks VG’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “कांग्रेस वाले इसको खुला क्यों छोड़ देते है। #funnyvideos #trendingnow”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
वायरल वीडियो में राहुल गांधी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “…..आप में ऑर्थोपेडिक सर्जन की स्किल है,ऑर्थोपेडिक सर्जन की नॉलेज है, ज्ञान है, जो ऑर्थोपेडिक सर्जन होता है, वो आपमें सब कुछ है, मगर आप ऑर्थोपेडिक सर्जन नहीं हो!”
इस आधार पर सर्च करने पर हमें यह वीडियो एक यू-ट्यूब चैनल पर मिला, जिसे तीन महीने पहले अपलोड किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह बिहार की राजधानी पटना के एक कार्यक्रम में दिए गए राहुल गांधी के भाषण का है।
अपने भाषण में उन्होंने भारत में जातिगत आधार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा था,”…..आपमें ऑर्थोपेडिक सर्जन की स्किल है,ऑर्थोपेडिक सर्जन की नॉलेज है, ज्ञान है, जो ऑर्थोपेडिक सर्जन होता है, वो आपमें सब कुछ है, मगर आप ऑर्थोपेडिक सर्जन नहीं हो!”
इसके आगे वे कहते हैं, “…क्यों, क्योंकि पूरा का पूरा सिस्टम आपके खिलाफ काम करता है। आप सोचते हो कि आप आर्थोपेडिक सर्जन हो, लेकिन आपको अस्पताल को कभी चलाने नहीं दिया जाएगा। अगर आपमें क्षमता चलाने की हो तो फाइनेंस नहीं मिलेगा, पैसा नहीं मिलेगा, बैंक लोन नहीं मिलेगा। और अगर आपने बैंक लोन ले लिया और आपने अस्पताल भी शुरू कर दिया तो ब्यूरोक्रेसी आपको रोकने की कोशिश करेगी। तो आपके मन में लग रहा है कि मैं ऑर्थोपेडिक सर्जन हूं, लेकिन ऑर्थोपेडिक सर्जन के सच्चे औजार आपके हाथ में नहीं हैं, आपके खिलाफ काम कर रहे हैं।”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए वह कहते हैं, “इस देश में अगर आप दलित हो, पिछड़े वर्ग के हो, आदिवासी हो, माइनॉरिटी हो और उसमें मैं महिला भी जोड़ सकता हूं, ईबीसी हो, अति दलित हो…अगर आप अपर कास्ट के नहीं तो आप सेकेंड क्लास सिटिजन हो।”
हमें उनके इस भाषण का पूरा वीडियो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आधिकारिक यू-ट्यूब पर मिला, जो पटना में आयोजित संविधान सम्मेलन का है।
वीडियो में उनके इस वायरल बयान का पूरा संदर्भ देखा और सुना जा सकता है।
वायरल वीडियो को लेकर हमने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी हमेशा से इस देश में जातिगत भेदभाव का मुद्दा उठाते हुए सामाजिक न्याय की बात करते रहे हैं। यह वीडियो भी उसी से संबंधित है, लेकिन दुष्प्रचार की नीयत से उनके आधे-अधूरे बयान को शेयर किया जा रहा है।”
इससे पहले राहुल गांधी का एक ऐसा ही वीडियो क्लिप वायरल हुआ था, जिसमें उनके नौ भाषणों के अंश को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया था। संबंधित वायरल क्लिप की फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां देखा जा सकता है।
राहुल गांधी से संबंधित अन्य वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां देखा जा सकता है। वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 30 हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: ऑर्थोपेडिक सर्जन की काबिलियत होने के बावजूद ऑर्थोपेडिक सर्जन न होने का राहुल गांधी का बयान भारत में प्रतिभा होने के बावजूद जाति के आधार पर भेदभाव किए जाने के आरोप के संदर्भ में था। हालांकि, उनके इस बयान के एक हिस्से को उसके संदर्भ से उसे ‘बेतुका’ होने के गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।
The post Fact Check: जातिगत भेदभाव पर राहुल गांधी के भाषण के आधा-अधूरा हिस्से को भ्रामक दावे से किया जा रहा शेयर appeared first on Vishvas News.
0 Comments