नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। फर्रुखाबाद से जुड़ी खबर को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। कुछ यूजर्स नवभारत टाइम्स अखबार की एक खबर की कटिंग शेयर कर रहे हैं। इसमें दिया गया है कि फर्रुखाबाद के कंपिल में बौद्ध कथा के दौरान पड़ोसी गांव के लोगों ने हमला कर दिया और पंडाल को तहस-नहस कर दिया। यूजर्स इसे हाल में हुई घटना समझकर शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि बौद्ध कथा के दौरान हमले का यह मामला जून 2018 का है। उस समय शिकायत के आधार पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। हाल-फिलहाल में वहां ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।
वायरल पोस्ट
फेसबुक यूजर Teetu Pradhan ने 5 जनवरी को खबर की कटिंग शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा,
“यह घटना बहुत ही गंभीर और दुखद है। बौद्ध कथा के पंडाल को तहस-नहस करना और श्रद्धालुओं पर हमला करना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह समाज में असहमति और हिंसा को बढ़ावा देने का कारण भी बन सकता है। धार्मिक स्थलों पर इस तरह के हमले समाज के सौहार्दपूर्ण माहौल के लिए खतरे की घंटी हैं।
फर्रुखाबाद में इस घटना के बाद श्रद्धालुओं में डर और आक्रोश फैलना स्वाभाविक है, और यह बहुत आवश्यक है कि स्थानीय प्रशासन इस मामले की सख्ती से जांच करे। साथ ही, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”
खबर की कटिंग में मामला फर्रुखाबाद के कंपिल का बताया गया है।
पड़ताल
वायरल दावे की जांच के लिए हमने पोस्ट में दी गई खबर खबर को पढ़ा। इसमें में लिखा है कि फर्रुखाबाद के कंपिल में चमन नगरिया गांव में बौद्ध कथा का आयोजन 7 जून को शुरू हुआ था। सोमवार रात को पड़ोसी गांव नाजिर नगला के 10-12 लोग वहां पहुंचे और पंडाल में लगे बल्ब और ट्यूबलाइट तोड़ दी। शिकायत के आधार पर योगेंद्र यादव, चोब सिंह, राम सिंह, राजू यादव और संजू के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। पत्रिका की वेबसाइट पर 13 जून 2018 को इससे संबंधित खबर छपी है। इसमें लिखा है कि फर्रुखाबाद के थाना कंपिल में बौद्ध कथा के दौरान पड़ोसी गांव नाजिर नगला के करीब एक दर्जन लोगों ने हमला कर दिया। वहां उन्होंने पंडाल को तहस-नहस कर दिया और फायरिंग भी की। सूचना मिलने के बाद सीओ नरेश कुमार पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे। इस मामले में पुलिस ने योगेन्द्र पुत्र कल्लू यादव, चोब सिंह पुत्र नेत्रपाल सिंह यादव, राम सिंह पुत्र रक्षपाल सिंह, राजू पुत्र जयसिंह यादव, अमर सिंह पुत्र रामसिंह, संजू पुत्र अजब सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
वायरल खबर और पत्रिका में छपी खबर में गांव व आरोपियों के नाम और घटना का विवरण एक जैसा है। इससे साफ होता है कि यह घटना जून 2018 की है।
इसकी पुष्टि के लिए हमने फर्रुखाबाद में दैनिक जागरण के जिला प्रभारी विजय प्रताप सिंह से संपर्क कर उनके साथ वायरल पोस्ट शेयर की। उन्होंने कहा कि यह घटना करीब छह साल पुरानी है। इस समय यहां के सीओ जय सिंह परिहार है। सीओ नरेश कुमार यहां पांच-छह साल पहले तैनात थे। हाल-फिलहाल में यहां ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
पुरानी खबर की कटिंग शेयर करने वाले फेसबुक यूजर लखनऊ में रहते हैं और एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं।
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