नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तरप्रदेश की संभल मस्जिद में शुरू हुए सर्वे के बाद से सोशल मीडिया पर इसी मामले से जुड़ी एक पोस्ट वायरल हो रही है। वायरल की जा रही पोस्ट में एनडीटीवी के नाम पर एक स्क्रीनशॉट काफी शेयर किया जा रहा है। इसमें एनडीटीवी इंडिया के लोगो का इस्तेमाल करते हुए एक तस्वीर के साथ लिखा गया है कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने एफिल टावर के नीचे काली माता का मंदिर होने का दावा किया है। सोशल मीडिया यूजर्स इसे एनडीटीवी की असली खबर से जुड़ा क्रिएटिव समझकर शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि रामभद्राचार्य के एफिल टावर के नीचे काली माता का मंदिर होने के दावे से एनडीटीवी इंडिया के नाम पर यह फर्जी पोस्ट फैलाई जा रही है। एनडीटीवी ने ऐसी कोई खबर नहीं छापी है। एनडीटीवी के लोगो के साथ फेक न्यूज पेज को क्रिएट कर मनगढंत न्यूज रिपोर्ट के हवाले से यह फर्जी दावा किया गया है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने एफिल टावर के नीचे काली माता का मंदिर होने का दावा किया है।
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले कीवर्ड सर्च किया। गूगल ओपन सर्च टूल की मदद से वायरल पोस्ट के साथ लिखे गए टेक्स्ट को सर्च किया। सर्च किये जाने पर हमें ऐसी खबर नहीं मिली, अगर स्वामी रामभद्राचार्य ने ऐसा कोई बयान दिया होता, तो ख़बरों में जरूर मौजूद होता।
अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने इस खबर को एनडीटीवी की वेबसाइट और उनके सोशल मीडिया हैंडल पर भी सर्च किया। वहां पर भी हमें ऐसी कोई खबर पब्लिश हुई नहीं मिली।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को पड़ताल के अगले चरण में एनडीटीवी इंडिया के डिजिटल कंटेंट स्ट्रैटजी के हेड देशबंधु सिंह से संपर्क किया। उन्होंने वायरल पोस्ट को पूरी तरह से फर्जी बताते हुए कहा, एनडीटीवी ने ऐसी कोई भी खबर पब्लिश नहीं की है। यह पूरी तरह से फर्जी है।’
अब बारी थी फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि पेज के चार लाख से अधिक मेंबर हैं।
The post Fact Check: एफिल टावर के नीचे मंदिर होने के दावा रामभद्राचार्य ने नहीं किया, NDTV के नाम पर फेक ग्राफ़िक वायरल appeared first on Vishvas News.
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