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Fact Check: भारतीय सेना के ‘भगवाकरण’ की बात करते लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई का यह वीडियो डीपफेक है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में  लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को कथित तौर पर भारतीय सशस्त्र बलों के ‘भगवाकरण’ पर चिंता व्यक्त करते हुए देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह एक डीपफेक वीडियो है, जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की सहायता से एडिट किया गया है। असली वीडियो में लेफ्टिनेंट जनरल घई ने भारतीय सेना के ‘भगवाकरण’ की बात नहीं की थी।

क्या है वायरल?

फेसबुक यूजर harrishgowda ने 24 अक्टूबर 2025 को वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर किया। वीडियो में टीवी न्यूज़ चैनल रिपब्लिक टीवी के लोगो को देखा जा सकता है। इस 35 सेकंड के फुटेज में, लेफ्टिनेंट जनरल घई को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है, “भगवा राजनीति का बढ़ता प्रभाव भारतीय सेना के मूल मूल्यों को नष्ट कर देगा।” वीडियो में उन्हें धार्मिक ध्रुवीकरण, आंतरिक अविश्वास और कमज़ोर होती युद्ध क्षमता के बारे में बात करते हुए और सेना के भीतर राजनीतिक ध्रुवीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए भी सुना जा सकता है।

वीडियो को शेयर करते हुए यूजर ने लिखा “लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, भारतीय सेना। एक *सेवारत जनरल* के कड़े शब्द। उन्हें पूरे अंक। किसी में हिम्मत है।”

पड़ताल

इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने वीडियो को गौर से देखा। वीडियो में टीवी न्यूज़ चैनल रिपब्लिक टीवी के लोगो को देखा जा सकता है। जांचने पर हमें यह वीडियो 18 अक्टूबर, 2025 को रिपब्लिक वर्ल्ड के यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम किया गया मिला। पूरे वीडियो को देखने पर भी हमें वायरल वीडियो से मेल खाती ऐसी कोई टिप्पणी कहीं नहीं मिली।

रिपब्लिक वर्ल्ड के ‘फोर्सेस फर्स्ट कॉन्क्लेव’ के दौरान उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बोलते हुए सुना जा सकता है। उन्हें भारत की सैन्य शक्ति की प्रशंसा करते, तथा इसे “राजनीतिक इच्छाशक्ति और सैन्य योजना एवं क्रियान्वयन का समन्वय” बताते सुना जा सकता है।

वीडियो को देखने पर लिप मूवमेंट और ऑडियो में मेल तो दिखता है मगर करीब से देखने पर होंठों के आसपास धुंधलापन भी दिखता है, जो एआई छेड़छाड़ का एक संकेत है।

पुष्टि के लिए हमने हमारे सहयोगी डीपफेक्स एनालिसिस यूनिट (DAU) से संपर्क किया, जो ट्रस्टेड इंफॉर्मेशन एलायंस  (TIA) की एक पहल है। DAU की विशेषज्ञ टीम ने वीडियो का विश्लेषण किया। जांच में ऑडियो ट्रैक के AI से बने होने की बहुत अधिक संभावना सामने आई। ElevenLabs ने उनके प्लेटफार्म का इस्तेमाल करके बने होने की संभावना 84 प्रतिशत जताई।

 

Hiya ने 98 प्रतिशत तक ऑडियो के AI से बने होने की संभावना जताई।

इसके अलावा Hive के ऑडियो टूल ने भी ऑडियो ट्रैक के AI से बने होने के संकेत दिए।

हमने इस वीडियो को बफलो यूनिवर्सिटी के डीपफेक-ओ-मीटर की मदद से भी चेक किया। टूल के कई  इंडिकेटर्स ने इस वीडियो में एआई छेड़छाड़ की पुष्टि की।

हमने इस बारे में पुष्टि के लिए एआई और इमर्जिंग टेक्नोलॉजी में काम कर रहे रिसर्चर अजहर माचवे से भी बात की। उन्होंने भी वीडियो के AI की मदद से एडिट किए जाने की पुष्टि की।

वायरल वीडियो को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर harrishgowda के 500 से अधिक फॉलोअर्स  हैं।

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