नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर जख्मी लोगों का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस कुछ लोगों को लेकर जा रही हैं और उनके सिर, हाथ और पैरों पर पट्टियां बंधी हुई है। इस वीडियो को प्रयागराज में हुई हिंसा से जोड़ते हुए शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि ये लोग प्रयागराज में हुई हिंसा के आरोपी हैं। इन लोगों ने चंद्रशेखर रावण के समर्थन में दंगे किये थे, लेकिन अब यूपी पुलिस ने इन्हें सबक सिखाया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो करीब एक महीने पहले राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुए केस से संबंधित है। दरअसल, राजस्थान पुलिस ने इन लोगों को रंगदारी के आरोप में गिरफ्तार किया था।
क्या हो रहा है वायरल ?
फेसबुक यूजर ‘सुनील चाचा’ ने 2 जुलाई वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “प्रयागराज में चंद्रशेखर रावण के समर्थन में दंगा करने वालों का हाल देख लो…रावण समर्थक को यूपी पुलिस रेल बना रही है!”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें वायरल वीडियो @1Newsindianactive नामक एक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 5 जून 2025 को शेयर किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो राजस्थान के श्री गंगानगर का रंगदारी के आरोप में गिरफ्तार हुए लोगों का है।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो ‘खबर पदमपुर एवं ग्रामीण’ नाम के फेसबुक अकाउंट पर 5 जून 2025 को अपलोड हुआ मिला। मौजूद जानकारी के मुताबिक, श्रीगंगानगर में रंगदारी गैंग पकड़ी गई, 4 बदमाश रंगे हाथों गिरफ्तार! गैंगस्टरों के नाम पर व्यापारी से मांगी जा रही थी 5 लाख की रंगदारी.. पुलिस ने लग्जरी फॉर्च्यूनर गाड़ी में आए बदमाशों को किया गिरफ्तार.. व्यापारी का मुनीम और उसका भतीजा भी निकले साजिश में शामिल.. पुलिस ने रकम बरामद की, अन्य आरोपियों की तलाश जारी.. डीआईजी गौरव यादव के निर्देशन में बड़ी कार्रवाई.. श्रीगंगानगर पुलिस की बड़ी कामयाबी – शहर में अपराधियों में हड़कंप।”

हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट राजस्थान पत्रिका के ई-पेपर में मिली। रिपोर्ट को 6 जून 2025 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, “गैंगस्टरों के नाम पर व्यापारियों को धमकाने और रंगदारी वसूलने के आरोप में जिला पुलिस ने चार बदमाशों को रंगदारी लेते हुए गिरफ्तार कर पांच लाख रुपए बरामद किए।”

हमें दावे से जुड़ी एक पोस्ट श्रीगंगानगर पुलिस के आधिकारिक अकाउंट पर मिली। पोस्ट को 5 जून 2025 को शेयर करते हुए रंगदारी के मामले का ही बताया गया है।
अधिक जानकारी के लिए हमने राजस्थान के स्थानीय पत्रकार संतोष पंडेय से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह वीडियो एक महीने पुराना है और श्रीगंगानगर में चल रही रंगदारी से जुड़े मामले का है।
आजतक की वेबसाइट पर एक जुलाई 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, “13 अप्रैल को अनुसूचित जाति के देवीशंकर की हत्या के विरोध में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को मृतक के परिवार वालों से मिलने आना था। उसके बाद कौशांबी में पाल समाज की 8 साल की लड़की के साथ हुई घटना को लेकर वहां भी जाना था। लेकिन पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर उन्हें प्रयागराज सर्किट हाउस में नजरबंद कर लिया। इसी के विरोध में समर्थकों ने रविवार को हिंसक प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस की कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई, पथराव हुआ, इसके अलावा कई बाइक में आग भी लगा दी गई।”
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को पांच हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को गाजियाबाद का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पुलिस कस्डी में जख्मी लोगों के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो करीब एक महीने पहले राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुए केस से संबंधित है। दरअसल, राजस्थान पुलिस ने इन लोगों को रंगदारी के आरोप में गिरफ्तार किया था।
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