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Fact Check: RJD विधायक के विवादित बयान के बाद बिहार विधानसभा में हुआ था हंगामा, वायरल वीडियो आधा-अधूरा है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विधानसभा में हंगामे की स्थिति रही। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर बिहार विधानसभा की कार्यवाही का एक वीडियो क्लिप शेयर हो रहा है, जिसमें स्पीकर को राज्य के उप-मुख्यमंत्री विजय सिन्हा को उनकी सीट पर बैठने के लिए निर्देश देते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को देखकर यह प्रतीत हो रहा है कि स्पीकर ने सदन में हंगामे को लेकर विजय सिन्हा को फटकार लगाई।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। वायरल वीडियो क्लिप बिहार विधानसभा में हुई कार्यवाही का है, लेकिन यह आधा-अधूरा है। विपक्षी दल के विधायक की तरफ से सदन की कार्यवाही के दौरान ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसे लेकर सत्ता पक्ष और स्पीकर की तरफ से आपत्ति जताई गई। इसके बाद विधानसभा में हंगामा होना शुरू हो गया और स्पीकर ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई और स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष से संबंधित सदस्य से खेद प्रकट करने के लिए कहा। आपत्तिजनक बयान को लेकर सत्ता पक्ष भी विरोध कर रहा था और फिर जब स्पीकर सदन में व्यवस्था बनाए जाने की अपील कर रहे थे, तभी सत्ता पक्ष की तरफ से विजय सिन्हा ने बोलना शुरू किया, जिसके बाद स्पीकर ने उन्हें सदन की कार्यवाही में बाधा न डालने और सीट पर बैठने के लिए कहा। हालांकि, वायरल क्लिप में केवल स्पीकर के विजय सिन्हा को निर्देश देने का विजुअल है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि हंगामे की वजह वह थे और स्पीकर ने उन्हें ऐसा करने के लिए फटकार लगाई।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘लालू एक विचार’ ने पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ” “निर्णय आप करिएगा कि हम करेंगे” “आप पहले बैठिए मंत्री महोदय ” “आप उपमुख्यमंत्री होकर हंगामा करना चाहते हैं”…।”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो क्लिप को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो बिहार विधानसभा की कार्यवाही का है। सर्च में हमें यह वीडियो बिहार विधानसभा के आधिकारिक फेसबुक पेज पर मिला, जो 23 जुलाई को विधानसभा की कार्यवाही (के पहले सत्र का) है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि नीतीश कुमार के बयान के बाद तेजस्वी यादव बोलना शुरू करते हैं और तभी विपक्षी दल की तरफ से विधायक (भाई वीरेंद्र) की तरफ से टिप्पणी को लेकर विवाद शुरू हो जाता है और फिर स्पीकर उन्हें सदन से बाहर निकालने तक की चेतावनी देते हैं और फिर इसके बाद वे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से अपने दल के सदस्य से खेद जताए जाने के लिए कहते हैं।

प्रतिपक्ष के सदस्य की तरफ से आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के बाद स्पीकर कहते हैं, “….वीरेंद्र जी..सीमा में रहिए आप। नहीं ये गलत बात है, यह गलत बात है। बैठिए। (इसी वक्त सत्ता पक्ष के सदस्य अपनी सीट पर खड़े हो जाते हैं।) वीरेंद्र जी, निकाल बाहर करेंगे आपको हम। आप (नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए) मना करिए नहीं तो निकाल बाहर करेंगे। यह तरीका नहीं है। यह तरीका हो सकता है क्या? ये कौन तरीका हो गया?”

फिर वे कहते हैं, “बताइए आप, क्या तरीका है ये? ये क्या बोला इन्होंने? नहीं, यह नहीं सकता है। (तेजस्वी यादव कहते हैं, बैठ जाओ बैठ जाओ) ये क्या बोल दिए बताइए आप, वीरेंद्र जी, आप क्षमा मांगिए पहले। नेता विरोधी दल, पहले आप इनसे क्षमा मंगवाइये, तब होगा…नहीं, नहीं तो हाउस नहीं चलेगा। आप क्षमा मंगवाइए पहले नहीं ये शब्द नहीं चलेगा। नहीं क्षमा मंगवाइए आप, खेद प्रकट करवाइए नेता विरोधी दल।”

स्पीकर आगे कहते हैं कि अगर उन्होंने अपने बयान के लिए खेद नहीं जताया तो हाउस (यानी सदन) नहीं चलेगा।

इसी हंगामे के बीच उप-मुख्यमंत्री विजय सिन्हा समेत सत्ता पक्ष के अन्य सदस्य खड़े हो जाते हैं और फिर स्पीकर उन्हें भी बैठने के लिए कहते हैं। स्पीकर के ऐसा कहे जाने के बाद जब वे अपनी सीट पर नहीं बैठते हैं, तो वे कहते हैं, “….अरे रुकिए…बैठिए न… पहले बैठिए..आप बैठिए मंत्री महोदय…बैठिए कि नहीं बैठिएगा! बैठिए ये हम निर्णय करेंगे, आप करिएगा? हम निर्णय करेंगे कि आप करिएगा?

फिर वे कहते हैं, “आप हंगामा करना चाहते हैं उप-मुख्यमंत्री हो के…मैं कह रहा हूं बैठिए आप…आप पहले बैठिए…बैठिए अपने सामने बैठिए….सदन मैं चलाऊंगा..आप नहीं बैठिए।”

इसके बाद भी स्पीकर सदन को दो बजे तक के लिए स्थगित किए जाने की घोषणा करते हैं। कई अन्य न्यूज रिपोर्ट्स में भी हमें इस घटना का विवरण मिला। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, “राष्ट्रीय जनता दल के विधायक भाई वीरेंद्र ने (मतदाता सूची) के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर हो रही चर्चा के दौरान बिहार विधानसभा में की गई अपनी टिप्पणी को लेकर माफी मांगने से इनकार कर दिया।”

न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, सदन में उस वक्त हंगामा शुरू हो गया जब भाई वीरेंद्र के एक बयान को सत्ता पक्ष ने आपत्तिजनक माना। बिहार विधानसभा की कार्यवाही के उपलब्ध दस्तावेज को देखें तो पता चलता है कि भाई वीरेंद्र के आपत्तिजनक शब्द को कार्यवाही से बाहर कर दिया गया है।

कार्यवाही के उपलब्ध दस्तावेज बताते हैं कि इस दौरान विजय सिन्हा के बयान के एक हिस्से को सदन की कार्यवाही से हटाया गया है।

23 जुलाई की बिहार विधानसभा कार्यवाही का विवरण, जिसके बाद हंगामे की शुरुआत हुई। (Source: vidhansabha.bihar.gov.in)

वायरल वीडियो को लेकर हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण, पटना के समाचार संपादक अश्विनी सिंह से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि यह 23 जुलाई की कार्यवाही के दौरान हुई घटना है। हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया था।

वायरल क्लिप को शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब एक लाख से अधिक लोग  फॉलो करते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव से संबंधित अन्य वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनाव सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: बिहार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधायक भाई वीरेंद्र की विवादित टिप्पणी के बाद विधानसभा में हंगामा हो गया और फिर इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्षी दल आमने सामने आ गए। इसी दौरान सदन में व्यवस्था बनाए रखने और उसकी कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से अपने दल के सदस्य से खेद प्रकट कराने के लिए कहा। बाद में सत्ता पक्ष की तरफ से विजय सिन्हा समेत अन्य सदस्य अपनी सीट से खड़े होकर बोलने लगे, तो स्पीकर ने उन्हें झिड़कते हुए सीट पर बैठने के लिए कहा। हालांकि, वायरल वीडियो क्लिप में भाई वीरेंद्र वाले प्रसंग को हटा दिया गया है,जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि सदन में सत्ता पक्ष हंगामा कर रहा था और इसे रोकने के लिए स्पीकर ने उप-मुख्यमंत्री विजय सिन्हा अन्य सदस्यों को फटकार लगाई।

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