नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में दो तस्वीरों के एक कोलाज को शेयर करते हुए गुजरात मॉडल की सच्चाई बताने का दावा किया जा रहा है। कोलाज की पहली तस्वीर में एक इमारत को भाजपा का गुजरात कार्यालय बताया गया है। जबकि, दूसरी तस्वीर को गुजरात के सरकारी स्कूल का बताकर वायरल किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। जिस तस्वीर को गुजरात के सरकारी स्कूल की बताकर शेयर किया जा रहा है, वह बिहार के एक स्कूल की पुरानी तस्वीर है। इसका गुजरात से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, पहली तस्वीर भाजपा कार्यालय की ही है।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक पेज ‘Bolega India’ ने सात जनवरी को एक कोलाज का इस्तेमाल करते हुए लिखा कि गुजरात मॉडल का सच।
कोलाज में दो तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया। पहली तस्वीर के ऊपर लिखा गया कि गुजरात में भाजपा का कार्यालय। जबकि, दूसरी तस्वीर के ऊपर लिखा गया कि गुजरात का सरकारी स्कूल।
वायरल पोस्ट को सच समझकर कई यूजर्स इसे शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले भाजपा ऑफिस की तस्वीर की जांच की। गूगल लेंस टूल के जरिए सर्च करने पर असली तस्वीर हमें कई न्यूज वेबसाइट पर मिली। गुजराती जागरण डॉट कॉम ने भाजपा से जुड़ी एक खबर में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया था। इसे यहां देखा जा सकता है।
सर्च के दौरान एएनआई के एक एक्स पोस्ट पर भी भाजपा कार्यालय की तस्वीर मिली। इसमें साफ देखा जा सकता है कि वायरल तस्वीर और एक्स की तस्वीर में काफी समानता है। इससे यह साबित हो गया कि वायरल कोलाज में पहली तस्वीर भाजपा ऑफिस की है।
जांच को आगे बढ़ाते हुए वायरल कोलाज में गुजरात के सरकारी स्कूल के नाम पर इस्तेमाल की गई तस्वीर की पड़ताल की गई। सबसे पहले इसे गूगल लेंस टूल के जरिए सर्च किया गया। असली तस्वीर हमें शटरस्टॉक नाम की एक फोटो एजेंसी की वेबसाइट पर मौजूद मिली। इसे बिहार के रक्सौल की बताया गया। तस्वीर नवंबर 2013 को खींची गई थी।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए गुजराती जागरण के एसोसिएट एडिटर जीवन कपूरिया से संपर्क किया। उनके साथ वायरल कोलाज को साझा किया। उन्होंने बताया कि इसमें इस्तेमाल की गई स्कूल की तस्वीर गुजरात की नहीं है। कोलाज में भाजपा के कार्यालय की तस्वीर जरूर है।
पड़ताल के अंतिम चरण में फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग की गई। पता चला कि फेसबुक पेज ‘Bolega India’ को 11 हजार से ज्यादा लोग फॉलो और लाइक करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि बिहार के रक्सौल के सरकारी स्कूल की पुरानी तस्वीर को गुजरात की बताकर झूठ फैलाया जा रहा है। यह तस्वीर 2013 की है। इसका गुजरात से कोई संबंध नहीं है।
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