नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक महिला का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में महिला को जूस में पेशाब मिलाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को सांप्रदायिक रंग देते हुए शेयर कर दावा किया जा रहा है कि सपा नेता के घर में काम करने आई महिला ने जूस में पेशाब मिलाया, जिसके बाद यह वाकया कैमरे में कैद हो गया।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है। वीडियो कुवैत में करीब आठ साल पहले हुई घटना का है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
क्या हो रहा है वायरल ?
फेसबुक यूजर ‘Oza Sanjay Mishrilalji’ ने 21 जनवरी 2025 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “मूतलमान और थूकलमान से सावधान रहें। घरेलू नौकरानी फरीदा खातून को हिंदू मालिक के जूस में अपना मूत्र मिलाते हुए कैमरे में कैद किया गया। मकान मालिक सपा का नेता बताया जा रहा है। मेरा विश्वास करो, आप उनके लिए सिर्फ काफिर हैं। इसलिए नौकर, नौकरानी, कर्मचारी चुनते समय मजहब जरूर देख लें। #है #और #आप।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट वन इंडिया न्यूज की आधिकारिक वेबसाइट पर मिली। वीडियो को 28 अप्रैल 2016 को अपलोड किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो कुवैत में हुई घटना का है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्डस की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट डेली मेल की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 26 अप्रैल 2016 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, वायरल घटना कुवैत में हुए एक परिवार के साथ की है। परिवार ने इस घटना को लेकर अपनी काम वाली और अपने परिवार की पहचान गोपनीय रखने का फैसला किया था। परिवार को पहले ही महिला पर शक था। इसलिए उन्होंने रसोई में कैमरा लगाया था, ताकि वो महिला के सच को जान सकें। इस वीडियो को लेकर परिवार का कहना था कि उन्होंने इसे अन्य लोगों के लिए चेतावनी के तौर पर जारी किया था और सावधान रहने के लिए कहा था।
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अधिक जानकारी के लिए हमने कुवैत के पत्रकार मलिक बाकिर असद से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह वीडियो आठ साल पहले कुवैत में हुई एक घटना का है।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। अकाउंट पर पोस्ट को पढ़ने से पता चलता है कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि महिला के जूस में यूरिन मिलाने वाले वीडियो को लेकर किया जा रहा वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है। वीडियो कुवैत में करीब आठ साल पहले हुई घटना का है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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