नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही एक तस्वीर में एक लकड़ी के बने दिल को देखा जा सकता है। इस पोस्ट को शेयर कर कई दावे किये जा रहे हैं, जिनमें से एक यह है कि ये भगवान जगन्नाथ के असली दिल की तस्वीर है, जिसे जगन्नाथ मंदिर में संभाल कर रखा गया है।
विश्वास न्यूज ने इस बात की पड़ताल की कि क्या यह तस्वीर किसी असली दिल की है या नहीं। हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। दरअसल ये पेड़ से बना एक आर्टवर्क है, जिसे दिल के आकार का बनाया गया है। इसे रूस के एक कलाकार दिमित्री त्सिकालोव (Dimitri Tsykalov) ने लकड़ी और पेड़ की छाल से बनाया है।
क्या है वायरल पोस्ट में ?
फेसबुक यूजर पत्रकार कृष्णा पंडित ने 12 जनवरी 2025 को वायरल तस्वीर को शेयर किया और लिखा, “*रहस्यमयी जगरनाथ मंदिर* भगवान् कृष्ण ने जब देह छोड़ी तो उनका अंतिम संस्कार किया गया, उनका सारा शरीर तो पांच तत्त्व में मिल गया, लेकिन उनका हृदय बिलकुल सामान्य एक जिन्दा आदमी की तरह धड़क रहा था और वो बिलकुल सुरक्षित था,उनका हृदय आज तक सुरक्षित है, जो भगवान् जगन्नाथ की काठ की मूर्ति के अंदर रहता है और उसी तरह धड़कता है, ये बात बहुत कम लोगो को पता है!।” पोस्ट में और भी कई दावे किया गए हैं मगर हमने उनकी पड़ताल न करने का फैसला किया और अपनी पड़ताल को सिर्फ इस बात पर नियंत्रित किया कि यह किसी असली दिल की तस्वीर है या नहीं।
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
वायरल तस्वीर एक बार पहले भी गलत दावे के साथ वायरल हुई थी और उस समय भी हमने इसकी पड़ताल की थी।
गूगल लेंस के जरिए सर्च करने पर हमें यह फोटो ‘coolhunting dot com’ नाम की वेबसाइट पर पब्लिश हुए एक आर्टिकल में मिली। 16 अप्रैल 2013 को पब्लिश इस आर्टिकल के मुताबिक, “यह एक आर्टवर्क है, जिसे दिमित्री त्सिकालोव नाम के एक रूसी कलाकार ने बनाया है।”
हमें यह तस्वीर ‘buro247 dot ru’ नाम की वेबसाइट पर भी मिली। 29 मार्च 2013 को पब्लिश आर्टिकल में बताया गया, “यह तस्वीर पेरिस आर्ट फेयर की है। जिसे दिमित्री त्सिकालोव ने बनाया है।
हमें ‘thalmaray dot co’ नाम की वेबसाइट पर भी दिमित्री त्सिकालोव के आर्टवर्क की जानकारी मिली। 14 दिसंबर 2017 को पब्लिश आर्टिकल में बताया गया था, “दिमित्री त्सिकालोव का जन्म रूस में हुआ था। हालांकि,अब वो पेरिस में रहते हैं और वहीं से काम करते हैं। दिमित्री ने छाल और मिट्टी से बने एक विशाल लकड़ी के दिल का निर्माण किया था। इस आर्टवर्क को ‘हार्ट एंड सॉइल’ नाम से जाना जाता है।” यहां हमें दिमित्री त्सिकालोव के बनाए गए कई अन्य आर्टवर्क के बारे में भी जानकारी मिली।
उस समय दावे को लेकर हमने जगन्नाथ मंदिर के पीआर से भी संपर्क किया था। उन्होंने हमें बताया था, “वायरल दावा गलत है। इस तस्वीर का भगवान जगन्नाथ से कोई संबंध नहीं है, लोग गलत जानकारी शेयर कर रहे हैं।”
पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की जांच की। जांच के दौरान पता चला कि यूजर पत्रकार कृष्णा पंडित के फेसबुक पर 6000 से अधिक फॉलोअर्स हैं।
The post Fact Check : भगवान कृष्ण के दिल की नहीं, बल्कि एक कलाकृति की तस्वीर है ये appeared first on Vishvas News.
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