नई दिल्ली (Vishvas News)। यूपी के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ को लेकर कई प्रकार की फर्जी और भ्रामक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इसी कड़ी में अब एक वीडियो को शेयर करते हुए झूठ फैलाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि महाकुंभ में गंगा घाट पर भगदड़ मच गई। इसे सच मानकर कई दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की, तो यह फर्जी साबित हुई। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। पोस्ट में इस्तेमाल किया गया वीडियो बिहार के भागलपुर में पिछले साल हुई दुर्घटना का है। इसका महाकुंभ से कोई संबंध नहीं है।
क्या हो रहा है वायरल
एक्स हैंडल Mukesh Tiwari (INDIAN) ने 15 जनवरी को एक वीडियो क्लिप को पोस्ट करते हुए दावा किया, “ब्रेकिंग न्यूज़….गंगा घाट में मची भगदड़…50 से अधिक श्रद्धालु डूबते डूबते बचे…कौन है जिम्मेदार….? कहाँ है सरकार….?”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। वीडियो के साथ #PrayagrajMahakumbh2025 भी लिखा गया।
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई अन्य यूजर्स इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने महाकुंभ के नाम पर वायरल वीडियो के बारे में पता लगाने के लिए सबसे पहले इसे ध्यान से देखा। वीडियो देखकर ही समझ में आ गया कि वायरल वीडियो महाकुंभ का नहीं है, क्योंकि प्रयागराज में गंगा किनारे ऐसी बनावट नहीं है, जैसा कि वायरल वीडियो में दिखाया गया है।
वीडियो के ऊपर लिखा गया कि गंगा घाट पर मची भगदड़। 50 से अधिक महिलाओं समेत बच्चे गंगा में डूबते-डूबते बचे। इसके अलावा साथ में JOURNALIST._SURENDRA नाम के इंस्टाग्राम हैंडल का जिक्र भी इस वीडियो के ऊपर नजर आया। यहां से क्लू लेते हुए हुए हमने इंस्टाग्राम पर यह हैंडल सर्च किया। हमें इस हैंडल पर असली वीडियो मिला। इसे 4 सितंबर 2024 को अपलोड किया गया था। हालांकि, इस वीडियो के कैप्शन के साथ उत्तरााखंड और हरिददार का जिक्र किया गया था।
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल ओपन सर्च टूल का इस्तेमाल किया। उत्तराखंड जैसे कीवर्ड से सर्च करने पर हमें वायरल वीडियो से जुड़ी कोई खबर नहीं मिली। वीडियो के ऊपर लिखे टेक्स्ट के आधार पर सर्च करने पर हमें आजतक के एक्स हैंडल पर असली वीडियो मिला। इसे 12 अगस्त 2024 को पोस्ट करते हुए लिखा गया, “बिहार के भागलपुर में सावन के चौथे सोमवार के मौके पर गंगा घाट पर स्नान के दौरान भगदड़ मच गई। इससे नदी में लगी बैरिकेटिंग टूट गई और कई महिलाओं समेत बच्चे गहरे पानी में पहुंच जाने की वजह से डूबने लगे। गनीमत ये रही कि एसडीआरएफ की टीम मौके पर तैनात थी, जिसने समय पर पानी में कूदकर र सभी की जान बचा ली।”
जांच के दौरान हमें आजतक के यूट्यूब चैनल पर भी संबंधित वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट मिली। 12 अगस्त 2024 की इस रिपोर्ट में बताया गया कि भागलपुर में सावन की चौथी सोमवार पर एसएम कॉलेज सीढ़ी घाट पर अचानक भीड़ बेकाबू हो गई। रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु, महिलाएं और बच्चे डूबने लगे। इससे 30 मिनट तक भगदड़ की स्थिति बनी रही। मौके पर तैनात एसडीआरएफ की टीम और 12 से अधिक आपदा मित्र के जवान तुरंत गंगा में कूद पड़े और डूब रहे लोगों को बचाने में जुट गए।
विश्वास न्यूज ने जांच के अंत में दैनिक जागरण, प्रयागराज के संपादकीय प्रभारी राकेश पांडेय से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो महाकुंभ का नहीं है। यहां ऐसा कोई हादसा नहीं हुआ है।
जांच के अंत में हमने बिहार के पुराने वीडियो को महाकुंभ का बताकर झूठ फैलाने वाले यूजर के बारे में सर्च किया। Mukesh Tiwari (INDIAN) नाम के यूजर के अकाउंट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यह अकाउंट जनवरी 2024 को बनाया गया है। इसे 27 सौ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फेक साबित हुई। बिहार के भागलपुर में अगस्त महीने में हुए हादसे के वीडियो को अब महाकुंभ का बताकर झूठ फैलाया जा रहा है। प्रयागराज में ऐसी कोई दुर्घटना नहीं हुई है।
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