नई दिल्ली। दुनियाभर में जनवरी के महीने को थायरॉइड अवेयरनेस मंथ के तौर पर मनाया जाता है, ताकि इसे लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जा सके। जागरूकता से ही थायरॉइड जैसी बीमारियों को रोका जा सकता है। ऐसे में थायरॉइड को लेकर लोगों के मन में कई प्रकार के सवाल होते हैं। आइए इस लेख में जानने का प्रयास करें ऐसे ही कुछ सवालों के जवाबों को।
थायरॉइड क्या होता है?
अमेरिकन थायरॉइड एसोसिएसन के मुताबिक, थायरॉइड तितली के आकार की एक अंतःस्रावी ग्रंथि (Endocrine Gland) होती है। यह गले के निचले हिस्से में सामने की ओर होती है। इसका काम थायरॉइड हार्मोन बनाना होता है। यह शरीर को एनर्जी का उपयोग करने, गर्म रहने और मस्तिष्क, हृदय, मांसपेशियों और अन्य अंगों को ठीक से काम करने में मदद करता है। अगर यह ग्रंथि कम या ज्यादा हाार्मोन बनाती है तो इसे थायरॉइड की बीमारी कहते हैं।
थायरॉइड के प्रकार
मुख्य रूप से थायरॉइड की बीमारी दो प्रकार की होती है। हाइपो थायरॉइडिज्म और हाइपर थायरॉइडिज्म। दोनों ही प्रकार के थायरॉइड रोग खतरनाक होते हैं। हाइपोथायरायडिज्म में थायरॉइड ग्लैंड आवश्यकता से कम थायरॉइड हार्मोन बनाता है, जबकिहाइपर थायरॉइडिज्म में थायरॉइड ग्लैंड अधिक हार्मोन बनाता है। इन दोनों के कारण शरीर में कई प्रकार की समस्या पैदा हो जाती है। नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ डायबिटिज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज की वेबसाइट पर इसे लेकर काफी जानकारी मौजूद है।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रोफेसर डॉ. शंख शुभ्र चक्रवर्ती ने विश्वास न्यूज को बताया कि थायरॉइड के किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए, ताकि इस पर कंट्रोल पाया जा सके। थायरॉइड के मामले में यह देखने को आया है कि लोग खुद थायरॉइड की जांच करवा के दवा शुरू या बंद कर देता है, जो कि खतरनाक है। थायरॉइड को इग्नोर करने पर दिल की बीमारी होने का भी खतरा हो सकता है।

थायरॉइड बीमारी के लक्षण
हाइपो थायरॉइडिज्म के लक्षण में जहां वजन बढ़ने लगता है, वहीं हाइपर थायरॉइडिज्म में मरीज का वजन कम होने लगता है। दोनों ही प्रकार के थायरॉइड के रोग में थकान प्रमुख लक्षण है।


बचाव और इलाज
थायरॉइड की बीमारी में सामान्य तौर पर दवाई आजीवन चल सकती है। इस बीमारी के लिए ब्लड टेस्ट होता है। इसमें लैब टी3, टी4 और टीएसएच टेस्ट करती हैं। गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग लोगों को थायरॉइड की बीमारी से ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है। ऑस्ट्रेलिया की हेल्थडायरेक्ट वेबसाइट के मुताबिक, यदि किसी को थायरॉइड बीमारी के लक्षण महसूस हों या फिर थायरॉइड ग्रंथि में किसी भी प्रकार का बदलाव दिखे तो अपने डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। इसमें देर नहीं करना चाहिए।
डिस्क्लेमर : यह ऑटिकल एक्सपर्ट्स की मदद से लिखा गया है। यहां दी गई जानकारी केवल सूचना के लिए है। लक्षण दिखने पर अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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