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Fact Check: पैरासिटामोल P-500 में वायरस होने का दावा फेक, शेयर नहीं करें

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पैरासिटामोल को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें कुछ तस्वीरों को पोस्ट कर दावा किया जा रहा है कि पैरासिटामोल P-500 में एक जानलेवा वायरस पाया गया है। यूजर्स इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की गुजारिश भी कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि पैरासिटामोल P-500 में वायरस मिलने का दावा फेक है। सिंगापुर और थाईलैंड की सरकार के साथ ही प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो भी इस तरह की फेक पोस्ट को शेयर नहीं करने की सलाह दे चुकी है। इससे पहले 2019 में भी यह पोस्ट वायरल हुई थी, तब विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल कर इसे फेक बताया था।         

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर ‘के के पचवारा’ ने 17 दिसंबर को तस्वीरें पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा,

“कृपिया ये पैरासीटामोल न खाए न खरिदे।।

जिस्पे P-500 लिखा हो। इस मे एक

जहरिला वाईरस पाया गया है।

जो विश्व के सबसे खतरनाक मे से एक है।।

यह जानकारी सभी को भेजे  प्लीज़। धन्यवाद।।”

Paracetamol P 500 tablet fake news

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से सर्च किया। 2017 में सिंगापुर के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई है। इसके अनुसार,  पैरासिटामोल में ‘मचुपो’ वायरस पाए जाने का दावा फेक है। ‘मचुपो’ वायरस या बोलिवियन हेमॉरेइक फीवर (BHF) वायरस की वजह से बुखार, मांसपेशियों में दर्द, मसूड़ों से खून आना और दौरे की शिकायत हो सकती है। सीधे वायरस के संपर्क में आने से इससे संक्रमण होता है। आज तक इसके मामले केवल दक्षिण अमेरिका में पाए गए हैं।

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4 नवंबर 2020 को नेशनल थाईलैंड की वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल इकोनॉमी एंड सोसायटी मिनिस्ट्री ने लोगों को P-500 टेबलेट में मचुपो वायरस का दावा करने वाली पोस्ट पर भरोसा नहीं करने को कहा है। साथ ही इस तरह की पोस्ट को शेयर नहीं करने की सलाह भी दी गई है।

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पीआईबी की फैक्ट चेकिंग विंंग ने 25 मई 2024 को पोस्ट कर इस दावे को फेक बताया है।

इसके बाद हमने पोस्ट में दी गई महिला की दोनों तस्वीरों को रिवर्स इमेज से सर्च किया। ये तस्वीरें हमें एक वेबसाइट पर मिली, जिसमें बताया गया कि ये तस्वीरें लखनऊ में आम आदमी पार्टी के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज की हैं। हालांकि, विश्वास न्यूज इन दोनों तस्वीरों की कोई पुष्टि नहीं करता है।

रिवर्स इमेज सर्च में अस्पताल के मरीजों वाली वायरल तस्वीर हमें 10 जनवरी 2015 को एनडीटीवी की वेबसाइट पर छपी खबर में मिली। इसके अनुसार, यह तस्वीर 2 नवंबर को वाघा बॉर्डर के पास हुए आत्मघाती बम हमले के बाद शवों के पास जमा उनके रिश्तेदारों की है।

इस बारे में हमने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली ब्लॉक चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अवनीश कुमार सिंह से संपर्क किया। उनका कहना है कि पैरासिटामोल में कोई वायरस नहीं पाया गया है। इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है।

फार्माकोलॉजिस्ट डॉ. अजय डोगरा ने भी इस पोस्ट को फेक बताया। उनका कहना है कि टेबलेट में वायरस होने की संभावना नहीं है। इस तरह की फर्जी पोस्ट को शेयर नहीं करना चाहिए।

फेक पोस्ट करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। बाड़मेर के रहने वाले यूजर के करीब पांच हजार फॉलोअर्स हैं।

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