नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। साइबर अपराधी लोगों को लूटने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। हाल ही में साइबर अपराधियों ने बिहार के छपरा के कई अधिकारियों की फोटो का इस्तेमाल कर फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाई और लोगों से ठगी की कोशिश की। सारण एसपी की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर पैसे मांगे गए। हजारीबाग और धनबाद की उपायुक्त की फोटो वॉट्सऐप आईडी पर लगाकर पैसे मांगने का मामला सामने आया था।
इंडियन एक्सप्रेस में 27 नवंबर 2024 को छपी रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय (एमएचए) की डिवीजन इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के आंकड़ों के अनुसार, भारत को 2024 के पहले नौ महीनों में साइबर क्राइम से करीब 11,333 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान स्टॉक ट्रेडिंग स्कैम से किया गया, जबकि 63,481 शिकायतों में ‘डिजिटल अरेस्ट’ स्कैम से 1,616 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। साइबर धोखाधड़ी की करीब 12 लाख शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
26 अक्टूबर 2023 को टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में अगस्त 2023 में फेक प्रोफाइल और आईडेंटिटी थेप्ट या पहचान चोरी के मामलों में पिछली समयावधि के मुकाबले बढ़ोतरी हुई थी। अगस्त 2022 की तुलना में अगस्त 2023 तक 53 फीसदी से ज्यादा इस तरह के मामले सामने आए थे। 2022 में अगस्त तक फेक प्रोफाइल की 1717 और पहचान चोरी की 1,976 शिकायतें मिली थीं। 2023 में अगस्त फर्जी प्रोफाइल के 2721 और आईडेंटिटी थेप्ट या आईडी चोरी के 2959 केस मिले थे। फर्जी प्रोफाइल मामलों में आरोपी फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं और लोगों को ठगते हैं। यह किसी व्यक्ति या फर्म की प्रोफाइल हो सकती है।
क्या है फेक प्रोफाइल आईडी?
जब साइबर अपराधी पीड़ित की जानकारी के बिना उसके नाम, पता, मेल आईडी, फोटो आदि जैसी पहचान संबंधी जानकारी का इस्तेमाल करके सोशल मीडिया पर प्रोफ़ाइल बनाते हैं, तो इसे फर्जी प्रोफाइल आईडी केस कहा जाता है। अक्सर धोखेबाज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या अन्य सोर्स से उपलब्ध जानकारी की मदद से नकली प्रोफ़ाइल बनाते हैं। अपराधी पीड़ित को नुकसान पहुंचाने के इरादे से इस तरह से फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं। फर्जी प्रोफाइल का प्रयोग पीड़ित के बारे में झूठी या फर्जी जानकारी फैलाने, उसकी छवि को नुकसान पहुंचाने और फाइनेंशियल लाभ लेने के लिए उसके दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने के लिए करते हैं।
केस स्टडी
गाजियाबाद में एक 23 वर्षीय व्यक्ति को फर्जी इंस्टाग्राम प्रोफाइल बनाकर महिलाओं को परेशान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आरोपी ने महिलाओं की तस्वीरों का इस्तेमाल अश्लील रील बनाई और उन्हें रेप की धमकी दी। उसने उनकी फर्जी प्रोफाइल भी बनाई और रील वहां पोस्ट की।
रायपुर से पुलिस ने 32 साल के युवक को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि उसने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की फोटो लगाकर फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाई थी।
सोशल मीडिया पर ये सावधानी बरतें
– अपनी निजी जानकारी जैसे- पता, मोबाइल नंबर, व्यक्तिगत मेल आईडी और अन्य संवेदनशील पहचान संबंधी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करने से बचें और इसको प्राइवेट रखें
– सोशल मीडिया अकाउंट पर भेजी गई रिक्वेस्ट पर पैसे मत भेजें
– जब तक आप सोर्स की पुष्टि नहीं कर लेते, तब तक किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और डाउनलोड न करें
– सोशल मीडिया अकाउंट और ईमेल के लिए अलग-अलग जटिल पासवर्ड रखें
– सोशल मीडिया अकाउंट की सुरक्षा के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का प्रयोग करें
कहां करें शिकायत
इस तरह का कोई मामला सामने आने पर साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें। साथ ही टोलफ्री नंबर 1930 कॉल कर सकते हैं या साइबर सेल में शिकायत कर सकते हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसे करें रिपोर्ट
फेसबुक
फेसबुक पर फेक प्रोफाइल को रिपोर्ट करने के लिए फेक प्रोफाइल वाले पेज पर जाएं। वहां कवर फोटो के नीचे बने तीन डॉट पर क्लिक करें। इसके बाद रिपोर्ट रिपोर्ट प्रोफाइल पर क्लिक करें या उसे ब्लॉक कर दें।
एक्स
जिस प्रोफाइल की रिपोर्ट करनी है, उसे खोलें और फिर उसके नीचे बने ओवरफ्लो आइकन को सेलेक्ट करें। उस पर आपको सेलेक्ट रिपोर्ट लिखा दिख जाएगा।
इंस्टाग्राम
आपको जिस यूजर की रिपोर्ट करनी है, उसकी प्रोफाइल पर जाएं और यूजर नेम के पास दिख रहे तीन डॉट्स पर क्लिक करें। वहां आपको प्रोफाइल को रिपोर्ट करने का विकल्प मिल जाएगा।
वॉट्सऐप
जिसकी आईडी की रिपोर्ट करनी है, उसकी चैट पर जाएं और तीन डॉट्स पर क्लिक करें। वहां आपको मोर का ऑप्शन मिलेगा। उस पर क्लिक करने से रिपोर्ट या ब्लॉक का ऑप्शन मिल जाएगा।
कितनी सजा मिलती है
साइबर कानून एक्सपर्ट और लेखक, एडवोकेट (डॉ.) प्रशांत माली के अनुसार, किसी की सहमति के बिना के यूजर की पहचान का इस्तेमाल आईडी चोरी कहलाता है। आमतौर पर धोखाधड़ी के इरादे से ऐसा किया जाता है। जबकि दूसरों को धोखा देने या धोखाधड़ी करने के इरादे से कोई फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाई जाती है, तो यह आईटी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 दोनों में परिभाषित पहचान की चोरी के दायरे में आता है।
– इसमें सजा काफी हद तक नकली प्रोफाइल बनाने के पीछे के इरादे पर निर्भर करती है- चाहे वह उत्पीड़न, मानहानि, धोखाधड़ी या अन्य दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए हो।
– दूसरों को धोखा देने, वित्तीय लाभ प्राप्त करने या नुकसान पहुंचाने के लिए फर्जी प्रोफाइल का उपयोग करने से अपराध की गंभीरता बढ़ जाती है।
– बीएनएस 2023 के तहत, पहचान चोरी के गंभीर रूपों के लिए कठोर दंड का प्रावधान किया गया है, ताकि बार-बार अपराध करने वालों और गंभीर अपराधियों को रोका जा सके।
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