नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर चल रहे विवाद के बीच कई वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल हो रहे हैं। इसी कड़ी में एक वीडियो वायरल है जिसमें मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी को विवादित फिल्मों के बारे में बात करते हुए देखा और सुना जा सकता है। वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ओवैसी ने यह बयान फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर दिया है।
वहीं, वायरल हो रहे दुसरे वीडियो में एक जगह पर कुछ लोगों को आग लगाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ‘उदयपुर फाइल्स’ के कलाकार के घर को आग लगा दी गई है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किए जा रहे दावे फर्जी हैं। असदुद्दीन ओवैसी का यह वीडियो साल 2024 का और उस वक्त का है, जब ओवैसी ने फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ और ‘केरल फाइल्स’ को लेकर यह बयान दिया था। वहीं, आग लगाए जाने के वीडियो का भी ‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो कोलंबिया के पुलिस स्टेशन में लगाई गई आग से जुड़ा हुआ है।
क्या है वायरल पोस्ट में ?
फेसबुक यूजर मुस्तफा राजा ने ओवैसी के वीडियो को 9 जुलाई को शेयर करते हुए लिखा, “उदयपुर फाइल्स बॉयकॉट।”
वहीं, आग के वीडियो को फेसबुक पेज की तरफ से 14 जुलाई को शेयर करते हुए लिखा गया है, “उदयपुर फाइल्स’ फिल्म के कलाकार के घर में लगी आग, विरोध की आशंका। पुलिस ने जांच शुरू की राजस्थान में फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, फिल्म में काम कर रहे एक कलाकार के घर में अचानक आग लग गई, जिसे लेकर स्थानीय स्तर पर संदेह जताया जा रहा है कि यह घटना जानबूझकर की गई हो सकती है। प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि एक व्यक्ति ने कथित तौर पर यह कहते हुए आग लगाई कि फिल्म रिलीज नहीं होनी चाहिए। हालांकि, पुलिस ने अब तक किसी धर्म विशेष का ज़िक्र नहीं किया है और कहा है कि जांच जारी है। फिलहाल इस मामले में CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं और किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक तनाव से बचने की अपील की गई है।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां और यहां देखें।
पड़ताल
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वीडियो को गौर से सुना। वीडियो में ओवैसी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “अरे पिक्चर बनाने वालों, तुम कब तक मुसलमानों का #$% रहोगे, बताओ देश में बेरोजगारी पर क्यों नहीं बनाते पिक्चर। अरे मुसलमानों के #$% वालों बताओं भारत में बेरोजगारी कितनी है, बनाओ न पिक्चर उस पर, नहीं बनाओगे। नहीं बनाएंगे क्यों कि बनाएंगे तो इनके #$% मोदी नाराज हो जायेंगे। मेरे भाई होश में आओ। दोस्त को पहचानों, दुशमन अपने खुलकर को खुल कर बयान कर रहा है।”
इसी बयान के कीवर्ड से हमने वायरल वीडियो गूगल लेंस के जरिए सर्च किया। सर्च किये जाने पर हमें यह वीडियो एआईएमआईएम के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला। 26 मई 2024 को अपलोड किए गए इस वीडियो में वायरल वीडियो का भी हिस्सा मिला। यहां ओवैसी को कश्मीर फाइल्स और केरल फाइल्स के बारे में बात करते हुए सुना जा सकता है। वह कहते हैं, “लव जिहाद के नाम पर झूठी पिक्चर बनाई जाती है, कभी यह पिक्चर बना दी गई तो कभी कश्मीर फाइल्स बना दी गई, तो कभी केरल के लव जिहाद पर एक कहानी बना दी गई, तो कभी पिक्चर बना दी गई कि बच्चे ज्यादा पैदा करते हैं। पिक्चर बनाने वालों …” यहां से वायरल वीडियो का अंश है।
वायरल वीडियो से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने एआईएमआईएम के राष्टीय प्रवक्ता आदिल हसन से संपर्क किया और वायरल पोस्ट उनके साथ शेयर की। उन्होंने भी हमें पुष्टि देते हुए बताया कि ओवैसी का यह बयान पुराना है और इसका ‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म से कोई संबंध नहीं है।
दूसरा वीडियो
‘उदयपुर फाइल्स’ कंट्रोवर्सी के बीच एक और भी वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक जगह पर आग लगी हुई देखी जा सकती है। वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म के कलाकार के घर पर आग लगा दी गई है।
वीडियो की पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने की फ्रेम्स निकाले और उन्हें गूगल लेंस के जरिये सर्च किया। सर्च किये जाने पर हमें यह वीडियो एक एक्स हैंडल पर 7 जुलाई 2025 को अपलोड किया हुआ मिला। वीडियो के साथ दी गई जानकारी के अनुसार, यह वीडियो पुलिस स्टेशन में लगाई गई आग से संबंधित है।
इसी बुनियाद पर हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया और हमें काराकोल डॉट कॉम डॉट सीओ की वेबसाइट पर इस मामले से जुड़ी खबर मिली। 5 जुलाई 2025 की खबर के अनुसार,कोलंबिया के ला गुआजिरा के नाजरेथ पुलिस स्टेशन में कुछ गुस्साए लोगों ने आग लगा दी। दी गई जानकारी के अनुसार, युल्बर्ट फर्नांडीज नाम के युवक की पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी। हालात तब और गंभीर हो गए, जब पुलिस ने उनकी गाड़ी को संदेहास्पद समझकर फायरिंग कर दी। इस घटना से आहत समुदाय ने गुस्से में पुलिस स्टेशन में आग लगा दी। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

16 जुलाई की दैनिक जागरण की खबर के अनुसार, “फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ राजस्थान के टेलर कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित है। 12 जून 2022 को मोहम्मद रियाज और मोहम्मज गौस ने धारदार हथियार से कन्हैया की हत्या कर दी थी। दोनों आरोपियों ने वीडियो रिलीज करते हुए हत्या की वजह भी बताई थी। उनका कहना था कि पूर्व बीजेपी नेता नूपुर शर्मा ने प्रोफेट मोहम्मद के खिलाफ विवादित बयान दिया था, जिसे कन्हैया ने भी शेयर किया था। इसलिए दोनों ने कन्हैया को मौत के घाट उतार दिया। वहीं, इस फिल्म के मेकर्स ने ‘उदयपुर फाइल्स’ को 11 जुलाई को रिलीज करने का एलान किया था। हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को फिल्म की रिलीजिंग पर रोक लगा दी थी। कन्हैया लाल मर्डर केस की जांच NIA (National Investigation Agency) कर रही है। आरोपियों पर UAPA (Unlawful Acticities Prevention Act) के तहत मुकदमा चल रहा है।”
अब बारी थी फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि यूजर को साढ़े सात हजार लोग फॉलो करते हैं। वहीं, बायो के अनुसार, यूजर कश्मीर के रहने वाले हैं।
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