नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। इसमें एक पुलिसकर्मी को एक शख्स के साथ बदसलूकी करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को हाल-फिलहाल का बताकर कई सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में पनकी में विनोद सिंह ने मंदिर जा रहे एक बुजुर्ग के साथ बदसलूकी करते हुए जल को पूजापात्र में उड़ेल दिया। इसके अलावा बुजुर्ग को घुटने से चलवाया।
विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की जांच की। पता चला कि लॉकडाउन के वक्त यह घटना हुई थी। जिसके बाद संबंधित पुलिसकर्मी पर कार्रवाई भी हुई थी। हाल-फिलहाल में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। पुरानी घटना के वीडियो को अभी का बताकर झूठ फैलाया गया है।
क्या हो रहा है वायरल
पंकज श्रीवास्तव नाम के एक थ्रेड यूजर ने एक मई को एक वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया, “उत्तर प्रदेश कानपूर पनकी का है Video और ये SO विनोद सिंह है ये बुजुर्ग अकेला था मंदिर जा रहा था,पूजापात्र में पूरा जल उड़ेला,उसको पूरी हनक दिखाई। बुजुर्ग ने माफी मांगी लेकिन उसको घुटुनवा चलवाया और वो चला भी ये हमारा धर्म है,हमारे संस्कार हैं। रमजान की सिर्फ बधाई दे सकते है बाजार खुल सकता है किन्तु हिन्दू वादी सरकार फिर भी अधिकारी बेलगाम है।”

वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर कई यूजर्स शेयर कर रहे हैं। वायरल पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच के लिए सबसे पहले दावे के आधार पर कुछ कीवर्ड बनाए। फिर उन्हें गूगल ओपन सर्च टूल के जरिए सर्च किया। हमें कई न्यूज वेबसाइट पर वीडियो से जुड़ी खबरें मिलीं। जागरण डॉट कॉम पर 30 अप्रैल 2020 को पब्लिश एक खबर में बताया गया, “मंदिर जा रहे बुजुर्ग से बदसलूकी करना पनकी थानाध्यक्ष को भारी पड़ गया। वीडियो वायरल होने के बाद एडीजी और एसएसपी ने उक्त प्रकरण की जांच कराई और त्वरित कार्रवाई करते हुए पनकी थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया।”
इस पुरानी खबर में बताया गया, “एक वीडियो वारयरल हुआ था। इस वीडियो में पनकी थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह सह कर्मियों के साथ एक बुजुर्ग से बदसलूकी करते नजर आ रहे थे। बुजुर्ग ने माफी मांगते हुए उनसे कहा कि वह मंदिर में पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने जा रहे हैं। इसके बावजूद उन्होंने मंदिर जा रहे बुजुर्ग की पूजा थाली में रखे पात्र से जल फैला दिया और फिर उन्हें सड़क पर काफी दूर तक मेढक चाल चलवाया था। इसका वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने मामला संज्ञान में लेकर जांच शुरू कराई थी। वहीं, शासन स्तर पर भी घटना को लेकर पूछताछ की गई थी।” पूरी खबर को विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल के दौरान जी न्यूज की वेबसाइट पर भी एक खबर मिली। इसमें वायरल वीडियो के ग्रैब का इस्तेमाल करते हुए खबर में बताया गया कि पनकी में लाकडाउन के दौरान मंदिर जा रहे एक बुजुर्ग को अजीबोगरीब सजा दी गई। यह खबर 30 अप्रैल 2020 को पब्लिश की गई।
हमारी अब तक की जांच में वायरल पोस्ट में घटित घटना और वीडियो पुराना साबित हो चुका था। विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए पनकी थाना प्रभारी मानवेंद्र सिंह से संपर्क किया। उन्होंने वायरल वीडियो के संबंध में जानकारी देते हुए इसे पुराना बताया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के वक्त यह घटना हुई थी।
पड़ताल के अंत में भ्रामक पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की। यूजर के बारे में कोई खास जानकारी नहीं मिली।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान कानपुर जिले के पनकी में एक बुजुर्ग के साथ स्थानीय थाना प्रभारी ने बदसलूकी की थी। उसी वक्त के वीडियो को अभी का बताकर वायरल किया गया।
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