नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि अयोध्या में दंगा कराने की साजिश में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सात आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इसमें सभी आरोपियों को हिंदू बताया गया है। तस्वीर में गिरफ्तार आरोपियों को पुलिस अधिकारियों के साथ देखा जा सकता है। इसे अभी की खबर समझकर कई यूजर्स अपने-अपने प्लेटफॉर्म पर शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। वर्ष 2022 की घटना को अभी का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है। अयाेध्या पुलिस ने भी इसका खंडन किया है।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर मनोज यादव ने एक मई को एक तस्वीर को अपलोड करते हुए दावा किया, “धार्मिक नगरी अयोध्या में हिंदू मुस्लिम दंगा कराने की साजिश में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सात आतंकियों को गिरफ्तार कर अयोध्या को दंगों की भेंट चढ़ने से पहले समय रहते बचा लिया हैं। इन लोगों ने शहर में चौक क्षेत्र में स्थित एक मस्जिद के पास मुस्लिम धर्मग्रंथ कुरान शरीफ व मुस्लिमों के संबंध में असभ्य टिप्पणी लिखा पोस्टर फेंककर धार्मिक उन्माद फैलाने के कोशिश की. ये सात लोग थे महेश कुमार मिश्रा, प्रत्युष श्रीवास्तव, नितिन कुमार, दीपक कुमार गौड़, बृजेश पाण्डेय, शत्रुघ्न प्रजापति, विमल पाण्डेय.. ये सभी लोग देश भक्त हैं।”

वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर कई यूजर्स शेयर कर रहे हैं। वायरल पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल लेंस टूल का इस्तेमाल किया। इसके जरिए सर्च करने पर वायरल तस्वीर हमें कई न्यूज वेबसाइट पर मिली। द थ्योरिस्ट नाम की वेबसाइट पर 29 अप्रैल 2022 को पब्लिश एक खबर में भी वायरल तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए बताया गया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने ईद से पहले अयोध्या से सात लोगों को गिरफ्तार किया था। इन्होंने धार्मिक स्थानों में आपत्तिजनक सामान फेंककर राज्य में सांप्रदायिक दंगे भड़काने की कोशिश की थी। पुलिस ने आरोपियों की पहचान महेश कुमार मिश्रा, प्रत्यूष श्रीवास्तव, नितिन कुमार, दीपक कुमार गौड़ उर्फ गुंजन, बृजेश पांडे, शत्रुघ्न प्रजापति और विमल पांडे के रूप में की। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।
सर्च के दौरान हमें एनडीटीवी के यूट्यूब चैनल पर एक रिपोर्ट मिली। 29 अप्रैल 2022 की इस खबर में बताया गया कि अयोध्या में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया। यह सातों लोग दंगा फैलाने की कोशिश कर रहे थे। इन्होंने 26 और 27 अप्रैल की रात को मस्जिदों के बाहर आपत्तिजनक पोस्टर लगाए और आपत्तिजनक चीजें मस्जिदों के बाहर फेंकी।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के दौरान अयोध्या के एसपी सिटी मधुवन कुमार सिंह से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल पोस्ट वाली घटना 2022 की है। हाल फिलहाल में ऐसा कुछ नहीं हुआ।
जांच के अंत में भ्रामक पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। मनोज यादव नाम के इस यूजर को फेसबुक पर पांच हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर गोरखपुर का रहने वाला है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि वर्ष 2022 के अप्रैल महीने में अयोध्या पुलिस ने दंगा भड़काने के आरोप में कुछ हिंदू युवकों को पकड़ा था। उसी से जुड़ी तस्वीर को अभी का बताकर सोशल मीडिया में भ्रम फैलाया जा रहा है।
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