नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर अस्पताल के बेड पर लेटे हुए एक शख्स का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में रिपोर्टर उससे सवाल पूछता हुआ नजर आ रहा है कि तुम कहां से और क्या करने के लिए आये थे। इसके जवाब में वो कहता है कि उसे पाकिस्तान से भारत में हमला करने के लिए भेजा गया था। इस वीडियो को पहलगाम आतंकी हमले से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। वीडियो का पहलगाम आतंकी हमले से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल वीडियो साल 2022 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में पकड़े गए आतंकी का है।
क्या हो रहा है वायरल ?
फेसबुक यूजर ‘अंतराम सिंह’ ने 23 अप्रैल 2025 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “आतंकी ने उगले पाकिस्तान के राज।” #pahalgamkashmir
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने इसे गौर से देखा। हमने पाया कि वीडियो पर आजतक का लोगो लगा हुआ है। हमने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें वायरल वीडियो का लंबा वर्जन आजतक के आधिकारिक वेबसाइट पर मिला। वीडियो को 25 अगस्त 2022 को शेयर किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, “भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में LOC पर घुसपैठ की दो कोशिशों को नाकाम कर दिया था, जिसमें एक पाकिस्तानी आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया था, जबकि विस्फोट में दो की मौत हो गई थी।”

पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो अगस्त 2022 में आजतक के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर शेयर हुआ भी मिला।
टीवी9 भारतवर्ष की वेबसाइट पर 25 अगस्त 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, “पकड़े गए आतंकी ने कबूला था कि उसे पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के कर्नल यूनुस चौधरी ने 30 हजार रुपये देकर भारत में सेना की पोस्ट पर हमला करने के लिए भेजा था। उसने अपना नाम तबारक हुसैन बताया था। वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके के कोटली जिले के सब्जकोट गांव का रहने वाला था।”
अन्य न्यूज रिपोर्ट्स को यहां पर देखा जा सकता है।
जनसत्ता की वेबसाइट पर 4 सितंबर 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, तबारक हुसैन का इलाज राजौरी के आर्मी अस्पताल में चल रहा था। इलाज के दौरान ही कार्डियक अरेस्ट के कारण उसकी मौत हो गई थी।
अन्य न्यूज रिपोर्ट को यहां पर देखें।
अधिक जानकारी के लिए हमने इस स्टोरी को कवर करने वाले दैनिक जागरण, राजौरी के रिपोर्टर गगन कोहली से संपर्क किया। उनका कहना था कि यह वीडियो पहलगाम आतंकी हमले का नहीं है। यह वीडियो साल 2022 में हुए एक घटना का है। इस आतंकी को सेना ने पकड़ा था और इसका इलाज आर्मी आस्पताल में चल रहा था। कुछ समय बाद इसकी मौत हो गई थी।
न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहलगाम में हुए हमले के बाद सेना और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई जारी है। बांदीपोरा में लश्कर से जुड़े 3 आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया है। सेना ने 7 आतंकियों के घर ब्लास्ट से गिरा दिये हैं। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, “कुलगाम में आतंकी संगठनों के 2 मददगारों को गिरफ्तार किया गया। जबकि घाटी में एक्टिव 14 लोकल आतंकियों की लिस्ट जारी की गई।”
27 अप्रैल को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट कर जानकारी दी गई कि गृह मंत्रालय के आदेश के बाद पहलगाम आतंकी हमले का केस एनआईए को सौंप दिया गया है। 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर को 6.4 हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि आतंकी के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो का पहलगाम आतंकी हमले से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल वीडियो साल 2022 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में पकड़े गए आतंकी का है।
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