नई दिल्ली (Vishvas News)। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद अखबार की एक पुरानी खबर को हालिया समझकर शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि प्रयागराज से लश्कर का संदिग्ध आतंकी सौरभ शुक्ला को गिरफ्तार किया गया है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। छह साल पुरानी खबर को अब पहलगाम के आतंकी हमले के बाद वायरल किया गया। 2019 में सौरभ शुक्ला को गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त की खबर को अभी का बताकर शेयर किया जा रहा है।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर राणा सुजीत सिंह ने 29 अप्रैल को एक अखबार की कटिंग को शेयर करते हुए दावा किया, “प्रयागराज से लश्कर का संदिग्ध आतंकी सौरभ शुक्ला गिरफ्तार। हर आतंकी हैवान है – उसका धर्म नफ़रत और दहशत है।”

वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसे अभी का मानकर कई यूजर शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले इसे ध्यान से देखा। इस पर भास्कर न्यूज और प्रयागराज लिखा हुआ था। इसके आधार पर कुछ कीवर्ड बनाकर गूगल ओपन सर्च टूल के जरिए सर्च किया गया। हमें भास्कर डॉट कॉम की वेबसाइट पर छह साल पुरानी एक खबर मिली। इसमें वायरल पोस्ट वाली तस्वीर का भी इस्तेमाल किया गया था।
खबर में बताया गया, “उत्तर प्रदेश एटीएस ने 25 हजार के इनामी अपराधी सौरभ शुक्ला को यहां से गिरफ्तार किया है। सौरभ के पास से पुलिस ने पैनकार्ड, दो एटीएम कार्ड, बिना नंबर की पल्सर बाइक, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और दो आधार कार्ड बरामद किए हैं। यूपी एटीएस को लंबे समय से इसकी तलाश थी। रविवार को उसे कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। जहां से उसे 9 अगस्त तक के लिए जेल भेज दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, 24 वर्षीय सौरभ मध्य प्रदेश के सीधी जिले के अगहर का रहने वाला है। इसके पिता टीचर हैं और पूरा परिवार सीधी में ही रहता है। वो पढ़ाई करने के लिए यूपी गया था। सौरभ पर पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में रहने का आरोप है। एटीएस सूत्रों के मुताबिक, ये सभी भारत में पाकिस्तानी हैंडलर्स के निर्देश पर आपराधिक षड्यंत्र और कोडिंग करते हुए विभिन्न बैंक खातों में देश के अलग-अलग स्थान से भारी धनराशि मंगाकर लोगों को वितरित करते थे। सौरभ इन आरोपियों के सहयोगियों के रूप में काम करता था।” पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

सर्च के दौरान जागरण डॉट कॉम पर भी एक खबर मिली। 29 जुलाई 2019 की खबर में बताया गया, “आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) द्वारा आतंकी फंडिंग के मददगार आरोपित सौरभ शुक्ला उर्फ शिब्बू की गिरफ्तारी से प्रयागराज का आतंकी कनेक्शन फिर सामने आया। खुफिया तंत्र उसका नेटवर्क खंगालने में सक्रिय हो गया है। उस पर पाकिस्तान से आने वाले पैसों को अलग खातों में जमा कराकर कमीशन लेने का आरोप है।” पूरी खबर यहां पढ़ें।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, प्रयागराज के संपादकीय प्रभारी राकेश पांडेय से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट साझा की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में सौरभ शुक्ला को अरेस्ट किया गया था। उसी वक्त की खबर को अब वायरल करके भ्रम फैलाया गया है।
प्रयागराज पुलिस कमिश्नर के पीआरओ अर्जुन प्रसाद ने पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल हो रही खबर 2019 की है। उस वक्त गिरफ्तारी हुई थी। हाल-फिलहाल में ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
पड़ताल के अंत में भ्रामक पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर राणा सुजीत सिंह एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं। उनके अकाउंट को 29 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल पोस्ट भ्रामक है। वर्ष 2019 में सौरभ शुक्ला को गिरफ्तार किया गया था। उसी वक्त की खबर को अभी का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है।
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