नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पहलगाम आंतकी हमले के बाद सेना और सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई जारी है। इसी संबर्भ में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सेना के कुछ जवानों की वाहन चालक के साथ कहासुनी में एक अन्य व्यक्ति दखल देता है और फिर सेना के जवान उसकी कथित तौर पर पिटाई कर देते हैं। इस वीडियो को पहलगाम आतंकी हमले के बाद की सेना की गतिविधियों से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो साल 2022 में हुए घटना से संबंधित है, जब सेना के जवानों के आम नागरिक की कथित पिटाई का मामला सामने आया था। बाद में इस मामले में श्रीनगर की पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज किया था।
क्या हो रहा है वायरल ?
फेसबुक यूजर ‘बक्लल तार देगे’ ने 28 अप्रैल वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “युद्ध का माहौल है आर्मी की मूवमेंट है…ऐसे में कोई गाड़ी आर्मी की गाड़ी से टच हो जाए और तुम रोड रेज टशन दिखाओगे…तो आर्मी वाले ऐसे ही तुम्हारा इलाज करेंगे।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट कश्मीर कन्वीनर की वेबसाइट पर 22 अगस्त 2022 को प्रकाशित मिली।
रिपोर्ट के अनुसार, मामला श्रीनगर के नौगाम चौक का है। घटना के कुछ समय बाद ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा था और फिर श्रीनगर पुलिस ने प्रतिक्रिया देते हुए बताया था, “वर्दी पहने हुए कुछ सैन्यकर्मियों ने कथित तौर पर एक आम नागरिक की पिटाई की, जबकि बाद में वहां पर मौजूद अन्य सैन्यकर्मी भी झगड़े में शामिल हो गए। इस ममाले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है।”

द कश्मीर प्रेस की वेबसाइट पर भी इस मामले की रिपोर्ट मौजूद है। 22 अगस्त 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, “पुलिस ने घटना को संज्ञान में लेते हुए नौगाम पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकने की सजा) के तहत मामला दर्ज किया था। इस घटना की एफआईआर संख्या 116/2022 थी।”

ईटीवी भारतवर्ष की वेबसाइट पर 23 अगस्त 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, “सेना के एक अधिकारी ने ट्वीट में कहा था कि एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें सैनिकों और लोगों के बीच झगड़ा हो रहा है। चिनार कोर वीडियो की सत्यता की जांच कर रही है। प्रथम दृष्टया यह एक पुराना वीडियो प्रतीत होता है, जिसे जानबूझकर सशस्त्र बलों की छवि खराब करने के लिए पोस्ट किया गया है।”

अन्य न्यूज रिपोर्ट को यहां पर देखा जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण, जम्मू- कश्मीर के ब्यूरो चीफ नवीन नवाज से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि ऐसी कोई घटना हाल में नहीं हुई है। यह पुरानी घटना का वीडियो है।
न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहलगाम में हुए हमले के बाद सेना और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई जारी है। बांदीपोरा में लश्कर से जुड़े 3 आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया है। सेना ने 7 आतंकियों के घर ब्लास्ट से गिरा दिये हैं। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, “कुलगाम में आतंकी संगठनों के 2 मददगारों को गिरफ्तार किया गया। जबकि घाटी में एक्टिव 14 लोकल आतंकियों की लिस्ट जारी की गई।”
27 अप्रैल को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट कर जानकारी दी गई कि गृह मंत्रालय के आदेश के बाद पहलगाम आतंकी हमले का केस एनआईए को सौंप दिया गया है। 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी।
अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण, जम्मू- कश्मीर के ब्यूरो चीफ नवीन नवाज से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि ऐसी कोई घटना हाल में नहीं हुई है। यह पुरानी घटना का वीडियो है।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर को दस हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि भारतीय सेना के नागरकों की कथित पिटाई के दावे से वायरल वीडियो पुराना है। वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2022 का है और इस वीडियो पहलगाम आतंकी हमले के बाद की सेना की कार्रवाई या उसकी गतिविधियों से कोई संबंध नहीं है।
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