नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इनमें कश्मीर के ही रहने वाले सैयद आदिल हुसैन शाह भी थे। आदिल हुसैन से जोड़कर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें नवभारत टाइम्स की खबर की पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया जा रहा है, जिस पर लिखा है, “आदिल ने ही आतंकियों को खाना और लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया था”।
इस खबर की पोस्ट के स्क्रीनशॉट को शेयर कर कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि हमले में जान गंवाने वाला आदिल और आतंकियों की मदद करने का आरोपी आदिल एक ही हैं। इस पोस्ट को यूजर्स सांप्रदायिक रंग देते हुए शेयर कर रहे हैं और सैयद आदिल हुसैन पर सवाल उठा रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने इसकी जांच की तो वायरल दावा झूठा निकला। दरअसल, आतंकी हमले में अनंतनाग जिले के हापतनार गांव के रहने वाले सैयद आदिल हुसैन पुत्र हैदर शाह की मौत हुई थी, जबकि हमले में शामिल संदिग्ध आतंकी आदिल हुसैन ठोकर अनंतनाग के गुरी गांव का रहने वाला है और उसके पिता का नाम वली मोहम्मद ठोकर है। दोनों व्यक्ति अलग-अलग हैं। सैयद आदिल हुसैन के बारे में सोशल मीडिया पर गलत दावा किया जा रहा है।
वायरल पोस्ट
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर 9599299372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया।

फेसबुक यूजर ‘रवींद्र भारतीय’ ने 29 अप्रैल को खबर की पोस्ट (आर्काइव लिंक) के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा,
“चैनल वाले यही धुन पीट रहे थे ना कि हिन्दू ही नहीं मुस्लिम आदिल घोड़े वाले को भी मारा गया है। तो अब पुख्ता सबूत भी सामने आ ही गया कि आदिल ने ही पाकिस्तानियों को खाना और लॉजिस्टिकल सपोर्ट दिया था। दरअसल आदिल पहले से ही आतंकवादी था। आदिल 2018 में महजबी तौर से कट्टरपंथी बनने के बाद हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ, वह वैध दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान गया, जहां उसने लश्कर-ए-तैयबा के साथ कड़ी ट्रेनिंग ली। 2024 में वह कश्मीर घाटी लौट आया और कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों का मददगार बन गया, उसकी मदद से ही पाकिस्तानी आतंकियों ने कोकरनाग के जंगलों में 22 घंटे की ट्रैकिंग की। आतंकियों ने टट्टूवालों और लोकल लोगों को मुखबिर बना रखा था, आदिल ने भी अपना नेटवर्क बना रखा था। टूरिस्टों के बीच रोजी-रोटी कमाने वाले भी उसके मुखबिर थे, आदिल घोड़ेवाले के रूप में हिंदुओं को ऊचाईयों पर ले गया। हिंदू मना करते रहे फिर भी ले गया। जब आतंकी हिंदुओं को मार रहे थे तब सबूत को मिटाने के लिए आतंकियों ने इस आदिल को भी मार गिराया ना कि बंदूक छीनने के क्रम में मारा।“

पड़ताल
वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले पोस्ट के साथ शेयर किए जा रहे खबर के स्क्रीनशॉट के बारे में कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। 28 अप्रैल को नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर यह खबर छपी है। इसके मुताबिक, “जांच में पता चला है कि पहलगाम में हुए हमले में चार आतंकी शामिल थे। इनमें से तीन पाकिस्तानी और एक स्थानीय आदिल ठोकर हुसैन था। आरोप है कि आदिल वर्ष 2018 में हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया था। उसने पाकिस्तान में जाकर लश्कर-ए-तैयबा के साथ ट्रेनिंग ली थी। 2024 में वह कश्मीर वापस आया और पाकिस्तानी आतंकियों का मददगार बन गया। उसने आतंकियों को पनाह दी और लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराया। कोकरनाग के जंगलों में पाकिस्तानी आतंकियों ने आदिल की मदद से ही 22 घंटे की ट्रैकिंग की।”

इस खबर में कही भी आतंकी हमले में जान गंवाने वाले आदिल नहीं लिखा है, बल्कि उसे हमले में शामिल संदिग्ध आतंकी बताया गया है।
इसके बाद हमने पहलगाम में जान गंवाने वाले लोगों की सूची के बारे में सर्च किया। इंडिया टीवी की वेबसाइट पर 23 अप्रैल को छपी खबर में सूची को देखा जा सकता है। खबर के अनुसार, “जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले सभी पीड़ितों के नाम जारी कर दिए गए हैं। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। मृतकों में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, केरल, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश सहित कई राज्यों के लोग शामिल हैं। इसके अलावा, नेपाल के एक पर्यटक और पहलगाम के एक स्थानीय व्यक्ति की भी हमले में मौत हो गई।” खबर में दी गई सूची में सैयद आदिल हुसैन शाह पुत्र सैयद हैदर शाह निवासी हापतनार, पहलगाम का नाम है।

24 अप्रैल को एनडीटीवी की वेबसाइट पर छपी वीडियो रिपोर्ट में सैयद आदिल हुसैन के परिवार और घर की जानकारी दी गई है। इसके अनुसार, खच्चर चालक आदिल अनंतनाग के हापतनार के रहने वाले थे। उनके पिता का नाम हैदर शाह, मां का नाम बेबी जान और बहन का नाम रवीशा है। आदिल के जनाजे में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल हुए थे।

28 अप्रैल 2025 को टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर छपी खबर के मुताबिक, “सुरक्षाबलों ने अनंतनाग के गुरी गांव में शहजादा बानो के घर को गिरा दिया है। शहजाद के बेटे आदिल हुसैन ठोकर को पहलगाम हमले में संदिग्ध के रूप में पहचानने के बाद घर को तोड़ा गया है। आदिल पर इस घटना में शामिल होने का आरोप है। उसके परिवार का दावा है कि 2018 के बाद से उससे कोई संपर्क नहीं हुआ है। आदिल के पिता वलीम मोहम्मद ठोकर, उसके भाई जहीर व अर्शलम और चचेरे भाई जुलंकर व सज्जाद को पहलगाम हमले के बाद हिरासत में ले लिया गया था।”

इसके बाद हमने पहलगाम के बिजबेहरा सबडिवीजन के पुलिस अधिकारी शेख मुदसिर अहमद से आदिल हुसैन ठोकर के बारे में जानने के लिए संपर्क किया, लेकिन उन्होंने कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया।
हमने पहलगाम के स्थानीय पत्रकार आरिफ रशीद से भी संपर्क किया। उनका कहना है कि हमले में जान गंवाने वाले आदिल हुसैन और आतंकियों की मदद के आरोपी आदिल अलग-अलग हैं। आदिल के पिता का नाम वली मोहम्मद ठोकर है और वह अनंतनाग के गुरी का रहने वाला है, जबकि हमले में जान गंवाने वाले आदिल हुसैन के पिता का नाम सैयद हैदर शाह है।
गलत दावे को पोस्ट करने वाले यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। लखनऊ के रहने वाले यूजर के करीब 50 हजार फॉलोअर्स हैं।
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