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Fact Check : EVM पर पीएम मोदी का अधूरा वीडियो वायरल, झूठे दावे के साथ क्लिप की गई वायरल

नई दिल्ली (Vishvas News)। महाराष्‍ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) चर्चा में आ गई है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। इसी बीच, प्रधानमंत्री की एक वीडियो क्लिप शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 से पहले ईवीएम के खिलाफ थे।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। वायरल क्लिप पीएम मोदी की वर्ष 2016 के दिसंबर महीने में यूपी के मुरादाबाद में हुई परिवर्तन रैली का एक छोटा-सा हिस्‍सा है। यह क्लिप ऑल्‍टर्ड है। जिसके कारण इसका मतलब ही बदल गया है। असली वीडियो में पीएम मोदी को ईवीएम के पक्ष में बोलते हुए सुना जा सकता है।

क्‍या हो रहा वायरल

फेसबुक यूजर ‘भारतीय दुर्गा’ ने 28 नवंबर को वायरल क्लिप को पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “2014 के पहले साहब भी EVM के खिलाफ थे। बैलेट से चुनाव करने की मांग करते थे। अमेरिका का उदाहरण देते थे। इसीलिए #BanEVM”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो क्लिप को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी वायरल क्लिप की जांच की थी। पीएम मोदी की 30 सेकेंड की वायरल वीडियो क्लिप में उन्हें यह बोलते हुए सुना जा सकता है, “हमारा देश गरीब है। लोग अनपढ़ हैं। लोगों को कुछ आता नहीं। भाइयों और बहनों अरे दुनिया के पढ़े-लिखे देश भी जब चुनाव होता है न, तो बैलेट पेपर पर नाम पढ़ कर के भी ठप्पा मारते हैं आज भी। अमेरिका में भी….।”

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल क्लिप के स्‍क्रीनशॉट निकाल कर इसे गूगल लेंस टूल के जरिए सर्च किया। हमें असली वीडियो भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर मिला। तीन दिसंबर 2016 को लाइव किए गए वीडियो में दी गई जानकारी के अनुसार, यह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुई परिवर्तन रैली का साबित हुआ।

असली वीडियो में पीएम मोदी को 1:08 घंटे के बाद के फ्रेम में बोलते हुए सुना जा सकता है, “कुछ लोग कहते हैं हमारा देश गरीब है, लोग अनपढ़ हैं, लोगों को कुछ आता नहीं है। भाइयों और बहनों दुनिया के पढ़े-लिखे देश भी….जब चुनाव होता है न तो बैलेट पेपर पर नाम पढ़ करके ठप्पा मारते हैं आज भी….अमेरिका में भी। यह हिंदुस्तान है…जिसको आप अनपढ़ कहते हो, गरीब कहते हो, वह बटन दबाकर वोट देना जानता है।”

असली वीडियो हमें पीएम मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी मिला। इसे तीन दिसंबर 2016 को लाइव किया गया था।

दोनों वीडियो को देखने से यह स्‍पष्‍ट हो गया कि पीएम मोदी ने देश की जनता की तारीफ करते हुए कहा था कि दुनिया के दूसरे देश जहां, बैलेट पेपर से वोट करते हैं, वहीं हमारे देश के लोग ईवीएम से मतदान करते हैं। पीएम मोदी ईवीएम के पक्ष में बात कर रहे थे, लेकिन वायरल क्लिप को ऐसे बनाया गया है, जिससे लगे कि वे ईवीएम के विरोध में बोल रहे थे।

विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी वायरल क्लिप की जांच की थी। उस वक्‍त हमने उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता हरीशचंद्र श्रीवास्तव से संपर्क किया था। उन्‍होंने वायरल क्लिप को फर्जी बताया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी ईवीएम का विरोध नहीं किया।

जांच के अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की । भारतीय दुर्गा नाम के फेसबुक यूजर को तीन हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर आजमगढ़ का रहने वाला है।

निष्कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पीएम मोदी से जुड़ी वायरल पोस्‍ट फर्जी है। वायरल वीडियो क्लिप फर्जी है। असली वीडियो में से 30 सेकेंड का एक हिस्‍सा काटकर झूठ फैलाया जा रहा है।

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