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Fact Check: लोकसभा चुनाव के मतदान की शुरुआत से पहले 19 लाख EVM के गायब होने का दावा FAKE और निराधार

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होना है और इससे पहले सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई यूजर्स यह दावा कर रहे हैं कि चुनाव से पहले मतदान के नतीजों को प्रभावित करने की मंशा से 19 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को साजिश के तहत “गायब” कर दिया गया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत और चुनावी दु्ष्प्रचार पाया।  चुनाव आयोग ने गायब ईवीएम के दावे को फेक बताया है। इंडियन न्यू कांग्रेस पार्टी (आईएनसीपी) ने 19 लाख ईवीएम के “गायब” होने का दावा करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजों के प्रभावित होने का दावा किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह से “निराधार” बताते हुए खारिज कर दिया था।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Nihal Singh Nigam’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “19 लाख ईवीएम मशीन चोरी हुई थीं अभी तक कोई अता-पता नहीं।”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने भी ने इसे समान दावे के साथ शेयर किया है।

सोशल मीडिया पर वायरल फेक पोस्ट का स्क्रीनशॉट।

पड़ताल

वायरल पोस्ट में ईवीएम के गायब होने का दावा किया गया है, जो संवेदनशील मसला है। वायरल पोस्ट में किए गए दावे के आधार पर न्यूज सर्च में हमें कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इस घटना का जिक्र है। इकोनॉमिक टाइम्स की 15 मार्च की रिपोर्ट के मुताबिक, “सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें वर्ष 2016-19 के बीच चुनाव आयोग की निगरानी से 19 लाख ईवीएम के “गायब” होने का आरोप लगाया गया था, ताकि लोकसभा चुनाव के नतीजों को प्रभावित किया जा सके।”  

ईटी की 15 मार्च 2024 की रिपोर्ट।

रिपोर्ट के मुताबिक, “आईएनसीपी ने अपनी याचिका में 19 लाख ईवीएम के “गायब” होने का दावा किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने “पूरी तरह से आधारहीन” बताते हुए खारिज कर दिया था।”

कई अन्य रिपोर्ट्स में भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का जिक्र है। 2019 में भी “गायब” ईवीएम को लेकर कुछ रिपोर्ट्स सामने आई थी। फ्रंटलाइन और टीवी9 भारतवर्ष ने इसे लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिस पर चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण देते हुए इसे तथ्यहीन बताया था।

अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से इस स्पष्टीकरण को जारी करते हुए आयोग ने कहा था, “फ्रंटलाइन और टीवी9 भारतवर्ष के संपादक को भ्रामक रिपोर्ट्स के बारे में सूचित कर दिया गया है। फ्रंटलाइन के संपादक ने गलती को स्वीकार लिया है और इस बारे में स्पष्टीकरण को प्रकाशित कर दिया जाएगा। वहीं टीवी9 चैनल ने अपने टेलीकास्ट को डिलीट कर दिया है।”

हाल ही में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर से इस फेक दावे पर स्पष्टीकरण जारी किया है।

आयोग ने पांच अप्रैल 2024 को स्पष्टीकरण जारी करते हुए 15 लाख ईवीएम के “गायब” होने के दावे को फेक बताया है। आयोग ने कहा है कि गायब ईवीएम जैसा कोई मामला नहीं है और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया है।

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर FAQ सेक्शन में भी इस सवाल का जवाब दिया गया है। वायरल दावे को लेकर हमने चुनाव आयोग के अधिकारी से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि आयोग के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल और बेबसाइट पर इस बारे में स्पष्टीकरण जारी किया जा चुका है।

चुनाव आयोग की अधिसूचना (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, कुल सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 की शुरुआत 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान से होगी, जिसके तहत कुल 102 सीटों पर वोटिंग होगी।

चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों को प्रभावित करने के लिए मतदान से पहले 19 लाख ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) को “गायब” किए जाने का दावा फेक और चुनावी दुष्प्रचार है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में दायर याचिका को पूरी तरह से निराधार बताते हुए खारिज कर चुका है।

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