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Fact Check: UP में श्रद्धालुओं के साथ हुई बदसलूकी के वीडियो को बंगाल के नाम पर सांप्रदायिक दावे के साथ किया जा रहा शेयर

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पश्चिम बंगाल संदेशखाली  विवाद के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक लड़की को रोते हुए आप बीती सुनाते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में एक हिंदू श्रद्धालु परिवार के साथ वहां की पुलिस ने उनकी धार्मिक पहचान की वजह से उनके साथ बुरा बर्ताव किया। 

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया, जिसे भड़काऊ सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। वायरल हो रहा वीडियो बंगाल में हुई किसी घटना से संबंधित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में हुई घटना का है और इस मामले के आरोपी सब इंस्पेक्टर को निलंबित किया जा  चुका है। 

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘ठा.शिव कुमार राघव दानगढ़’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “प्रधानमंत्री जी मंदिर बनने से और इस भौतिक विकास करने से कुछ नहीं होगा.. लगातार हिंदू मारा जा रहा है बेइज्जत हो रहा है.. मान सम्मान कुचला जा रहा है।

 हमने आपको इस्लामी जिहाद  अत्याचार से बचने के लिए वोट किया था और आप न जाने कहां व्यस्त हो गए। कभी-कभी तो लगता है राजनीति का मतलब है चुनाव से अगले चुनाव तक का सफर । मेहमानों के साथ, मोमता बानों की खाकीधारी पुलिस की, शर्मनाक मेजबानी…

कोलकाता दर्शन करने आए, श्रद्धालुओं से पुलिस की गुंडई नोट- वीडियो में लड़की, दरोगा द्वारा बोले गए गाली गलौज के शब्दों, को दोहरा रही है..”

कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर कई न्यूज रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इस घटना का जिक्र है। आज तक की रिपोर्ट  के मुताबिक, “यूपी के मथुरा में पश्चिम बंगाल से आए श्रद्धालुओं और महिलाओं के साथ बदसलूकी के मामले में आरोपी सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। राजेश कुमार पांडे अपने परिवार के सदस्यों के साथ पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले से दर्शन करने के लिए आए थे और इस दौरान पांडे अपनी कार को गोवर्धन क्षेत्र में ले जाना चाहते थे, जहां उनका पुलिसकर्मी से विवाद हो गया।”

दैनिक जागरण की 26 फरवरी 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, ” गोवर्धन में पुलिस का अमानवीय रौद्र रूप देखने को मिला। पुलिस ने डीग अड्डा तिराहा पर कोलकाता की महिला श्रद्धालुओं की लात-घूंसों से पिटाई की। महिलाओं को बचाने आए पिता और भाई की भी पिटाई कर दी।”

रिपोर्ट के अनुसार, “पुलिस का गुस्सा यहां भी शांत नहीं हुआ। घटना की कवरेज कर रहे मीडियाकर्मी को भी धुन डाला और वीडियो बना रहे स्थानीय युवक को जमकर पीटा। श्रद्धालु और पत्रकार ने दारोगा और अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया है।”

कई अन्य रिपोर्ट्स में भी इस घटना का जिक्र है। 

एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, “अपर पुलिस अधीक्षक बिसेन ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेष कुमार पांडेय ने प्रथम दृष्टया पूरे प्रकरण के लिए उप निरीक्षक राजकुमार के व्यवहार को दोषी मानते हुए रविवार देर रात उसे निलंबित कर दिया।”

संबंधित घटना को लेकर हमने मथुरा जिले के उप पुलिस अधीक्षक (गोवर्धन) आलोक सिंह से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “घटना मथुरा जिले की है और इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर उसके खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है।”

वायरल वीडियो को फेक व सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब चार हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में पश्चिम बंगाल से आए श्रद्धालुओं के साथ हुई मारपीट की घटना को सांप्रदायिक दावे के साथ बंगाल में हिंदू श्रद्धालुओं के साथ हुई घटना बताकर शेयर किया जा रहा है।

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