नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानून बनाने और स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफारिशें लागू किए जाने की मांग के साथ जारी किसान आंदोलन के बीच सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ प्रदर्शनकारियों को भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का यह वीडियो हालिया किसान आंदोलन से संबंधित है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल वीडियो का भारतीय किसानों के विरोध प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है। यह कनाडा में हुए विरोध प्रदर्शन का वीडियो है, जिसे भारत के नाम पर शेयर किया जा रहा है।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘akhandbharatdream_’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “Tirange ko jalane wale kabhi Kisan nahin ho sakte hai.” (“तिरंगा को जलाने वाले कभी किसान नहीं हो सकते हैं।”)
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें प्रदर्शनकारी किसानों की तरफ से तिरंगा को जलाए जाने या राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की घटना का जिक्र हो। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शंभू बॉर्डर पर जमे हुए किसान दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को देखते हुए हरियाणा के झज्जर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
वायरल वीडियो के ऑरिजिनल सोर्स को ढूंढने के लिए हमने इसके की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च में यह वीडियो ‘Global News’ के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला।
वायरल वीडियो क्लिप में नजर आ रहे विजुअल को इस वीडियो बुलेटिन में 0.03 सेकेंड और 0.44 सेकेंड के फ्रेम में देखा जा सकता है।
मौजूद जानकारी के मुताबिक, यह विरोध प्रदर्शन कनाडा में भारतीय दूतावास के बाहर हुए भारत विरोधी प्रदर्शन का है, जिसमें खालिस्तान की मांग के साथ भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया था।
इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए हमने शंभू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन को कवर कर रहे दैनिक जागरण के रिपोर्टर दीपक पहल से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि शंभू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के दौरान ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को इंस्टाग्राम पर करीब डेढ़ लाख लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: एमएसपी के लिए कानून बनाने और स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफारिशें लागू किए जाने की मांग के साथ जारी किसान आंदोलन के दौरान भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो भारत का नहीं, बल्कि कनाडा में भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थकों के विरोध प्रदर्शन का है।
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