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Fact Check: फ्रांस में पर्यावरण कार्यकर्ताओं के विरोध-प्रदर्शन का वीडियो फर्जी सांप्रदायिक दावे से वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग सड़क पर बैठे हैं और एक व्यक्ति उन लोगों को घसीट कर हटाता हुआ नजर आ रहा है। उस व्यक्ति का साथ कुछ और लोग भी देते हैं और बाकी बैठे लोगों को सड़क से हटाते हुए देखा जा सकता है। अब इस वीडियो को साम्प्रदायिक दावे के साथ शेयर करते हुए यूजर दावा कर रहे हैं कि फ्रांस में सड़क पर नमाज पढ़ रहे नजामियों को स्थानीय लोगों ने हटाया।

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो फ्रांस में जलवायु पर्यावरण को लेकर हो रहे विरोध का है। जब कार्यकर्ताओं ने सड़क को जाम कर दिया था और फिर कुछ गुस्साए हुए ड्राइवर ने उन्हें सड़क से हटाया था। इस वीडियो को फर्जी सांप्रदायिक दावे के साथ फैलाया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘फ्रांस में नमाज के लिए शांतिदूतों ने सड़क जाम की. एक बॉडीबिल्डर अपनी कार से उतरता है और उन सभी को एक तरफ फेंक देता है। हमें यहां भारत में भी ऐसा ही करने की जरूरत है !!’

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

सबसे पहले हमने वायरल वीडियो को इनविड टूल में अपलोड किया और कीफ्रेम्स को गूगल लेंस के जरिये सर्च किया। सर्च में हमें इसी वीडियो का स्क्रीनशॉट एक्सप्रेस डॉट को डॉट यूके की वेबसाइट, रेडिट, और तुर्की के अखबार डेली सबह के इंस्टाग्राम हैंडल पर पोस्ट हुई खबर में मिला।

एक्सप्रेस डॉट को डॉट यूके की वेबसाइट पर 2 दिसंबर 2022 को पब्लिश हुई खबर में वायरल वीडियो को देखा जा सकता है। यहाँ खबर में दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘फ्रांस में महीनों से जारी जलवायु प्रदर्शनों की वजह से सड़कें ब्लॉक्ड हैं। प्रदर्शनकारी सड़कों पर बैठे हुए हैं और यातायात ठप होने की वजह से क्रोधित पेरिस के एक ड्राइवर ने सड़क से जलवायु कार्यकर्ताओं को बेरहमी से खींच कर किनारे कर दिया।’

तुर्की के अख़बार डेली सबह के इंस्टाग्राम पर इस वीडियो को अपलोड करते हुए बताया गया, ‘गुस्साए ड्राइवर जलवायु कार्यकर्ताओं को हटाने के लिए अपनी कारों से बाहर निकल आये और सड़क पर बैठे कार्यकर्ताओं को किनारे किया।’

विश्वास न्यूज़ ने वीडियो से जुड़ी पुष्टि के लिए फ्रांस 24 की आईएफसीएन सिग्नेटरी ‘ऑब्ज़रवर्स’ के पत्रकार अलेक्जांडरे कैपरोन से संपर्क किया और उन्होंने हमें बताया, ‘इस वीडियो का नमाज से कोई लेना-देना नहीं है। जलवायु कार्यकर्ताओं ने सड़कों और ट्रक को ब्लॉक किया था। यह उसी मामले का वीडियो है।’

वीडियो को फर्जी दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर को 4,748 लोग फॉलो करते हैं।

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