नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल जीत हासिल करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करने में लगे हुए हैं। राहुल गांधी भी इंडी गठबंधन को जीत दिलाने के लिए रैलियां कर रहे हैं। वो बिहार में विशेष मतदाता पुनरीक्षण को लेकर हुए चक्का जाम में हिस्सा लेने के लिए भी पहुंचे थे। बिहार चुनाव के कारण राहुल गांधी लगातार चर्चा में बने हुए हैं। ऐसे में उन्हें लेकर सोशल मीडिया पर फर्जी और भ्रामक पोस्ट भी काफी वायरल हो रही है। आज हम आपको राहुल गांधी को लेकर वायरल हुए ऐसे ही कुछ फेक और भ्रामक पोस्ट की सच्चाई के बारे में बताने जा रहे हैं।
तो चलिये जानते हैं इनके बारे में
पहली पोस्ट
सोशल मीडिया यूजर्स ने राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के एक वीडियो क्लिप को शेयर किया। क्लिप में उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच से यह कहकर जाते हुए देखा जा सकता है कि वे वैसे किसी भी सवाल का जवाब नहीं देंगे, जिसका उद्देश्य जानबूझकर ‘मुद्दे’ को भटकाना है। दावा किया जा रहा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस का यह वीडियो हाल का है, जब राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडियाकर्मियों को सख्त संदेश दिया।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। 2024 में मणिपुर हिंसा पर संवाददाता सम्मेलन के दौरान कुछ पत्रकारों पर मुद्दे से ध्यान भटकाने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस बीच में ही छोड़कर चले गए थे। इसी पुराने वीडियो क्लिप को पत्रकारों को उनकी तरफ से दिए गए संदेश का बताकर शेयर किया जा रहा है।
पूरी रिपोर्ट को यहां पढ़ सकते हैं।
दूसरी पोस्ट
सोशल मीडिया पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता-प्रतिपक्ष राहुल गांधी की एक तस्वीर को तेजी से शेयर किया गया। फोटो में राहुल गांधी को शादी समारोह में शामिल होते हुए और एक शख्स को गले लगाते हुए देखा जा सकता है। पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीरें उनकी अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस के बेटे अलेक्जेंडर सोरोस की शादी में शामिल होने की हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा फेक है और इसके साथ वायरल हो रही तस्वीरें असली नहीं, बल्कि एआई जेनरेटेड हैं।
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तीसरी पोस्ट
सोशल मीडिया पर राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और तेजस्वी यादव के साथ-साथ खड़े नीतीश की एक तस्वीर को यूजर्स ने जमकर शेयर किया। तस्वीर को शेयर कर दावा किया गया कि नीतीश कुमार ने राहुल गांधी सहित कई इंडी गठबंधन के नेताओं से मुलाकात की।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट भ्रामक है। असल में वायरल तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि साल 2023 का है। उस दौरान वो इंडी गठबंधन का हिस्सा थे और उन्होंने तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई अन्य नेताओं से मुलाकात की थी। ये बैठक मल्लिकार्जुन खड़गे के दिल्ली आवास पर हुई थी।
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चौथी पोस्ट
वायनाड लोकसभा उपचुनाव के दौरान भी राहुल गांधी को लेकर कई भ्रामक और फर्जी दावे वायरल हुए थे। सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की एक तस्वीर तेजी से वायरल हुई थी। तस्वीर में राहुल गांधी ने सफेद रंग की एक टी-शर्ट पहनी हुई थी और उस पर अंग्रेजी में लिखा था, ‘मुझे नफरत की दुकान पसंद है।’ इस फोटो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वायनाड में चुनाव-प्रचार करते समय उन्होंने यह टी-शर्ट पहनी थी।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल टी-शर्ट की तस्वीर एडिटेड है। असली तस्वीर में टी-शर्ट पर ‘आई लव वायनाड’ लिखा हुआ है, जिसे एडिट कर अब गलत दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।
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पांचवीं पोस्ट
झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था। वीडियो को शेयर कर दावा किया गया था कि उन्होंने समारोह में कांग्रेस सांसद एवं लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी को अनदेखा कर दिया और उनसे हाथ नहीं मिलाया।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो एडिटेड है, असली वीडियो में केजरीवाल राहुल गांधी के पास जाते हैं उनसे मिलते हैं और हाथ मिलाते हैं। इसके बाद वो कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार से मिलते हैं। अब दुष्प्रचार की मंशा से राहुल गांधी और केजरीवाल के हाथ मिलाने वाले वीडियो को एडिट कर हटा दिया गया है और वायरल किया जा रहा है।
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