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Fact Check: सिंधु जल संधि समझौता स्थगित किए जाने के जवाबी कार्रवाई में चीन के ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोके जाने का दावा FAKE

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से सिंधु जल संधि को स्थगित किए जाने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स एक बांध की तस्वीर को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ की गई रणनीतिक कार्रवाई का जवाब देते हुए चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को रोक दिया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को फेक पाया। चीन की तरफ से ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को रोकने की कोई घोषणा की गई है। साथ ही इस तस्वीर में जिस बांध की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है, वह चीन की यांगत्सी नदी पर बने थ्री जॉर्जेज डैम की तस्वीर है। बता दें कि चीन में ब्रह्मपुत्र नदी को यारलुंग त्सांगपो नदी के नाम से जाना जाता है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Narayan Prajapati’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “चीन ने दिया पाकिस्तान का साथ….ब्रह्मपुत्र नदी का जल भारत आने से रोका।”

वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट।

जांच किए जाने तक इस पोस्ट को करीब एक लाख से अधिक लोग लाइक कर चुके हैं।

पड़ताल

वायरल पोस्ट में दी गई जानकारी के आधार पर सर्च करने पर हमें ऐसी कोई रिपोर्ट्स नहीं मिली, जिसमें चीन की तरफ से ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को रोके जाने का कोई जिक्र हो ।

द हिंदू की 28 मार्च 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, “बीजिंग भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति को ‘शांत’ करने के लिए किसी भी कदम का ‘स्वागत’ करता है और साथ ही उसने पहलगाम आतंकी हमले की “निष्पक्ष और संयुक्त जांच” की मांग की है।

कई अन्य न्यूज रिपोर्ट्स में पहलगाम हमले को लेकर चीन के इसी बयान का जिक्र है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी और पाकिस्तानी विदेश मंत्रियों की टिप्पणियों पर भारत की तरफ से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।

यानी चीन की तरफ से ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को रोके जाने का दावा गलत है। साथ ही इस पोस्ट में जिस बांध की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए ऐसा दावा किया गया है,  चीन की यांगत्सी नदी पर बने थ्री जॉर्जेज डैम की तस्वीर है। वहीं,  चीन में ब्रह्मपुत्र नदी को यारलुंग त्सांगपो नदी के नाम से जाना जाता है।

गौरतलब है कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक हुई थी। इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए विदेश सचिव ने बताया था कि सरकार ने सिंधु जल समझौता, 1960 को स्थगित किए जाने का फैसला लिया है।

इस हमले में कुल 26 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।

न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने भी शिमला समझौता को स्थगित किए जाने की चेतावनी दी है। बताते चलें कि दोनों देशों के बीच यह ऐतिहासिक समझौता 1972 में हुआ था।

वायरल पोस्ट में किए गए दावे को लेकर हमने सेंटर ऑफ चाइनीज एंड साउथ ईस्ट एशियन स्टडीज के डॉ. बी आर दीपक से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि चीन के लिए ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को पूरी तरह से रोकना संभव नहीं हैं, क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी की कई सहायक नदियां हैं। साथ ही किसी नदी के पानी के प्रवाह को रोकना भारी संसाधन और पूंजी की मांग करता है।

उन्होंने कहा कि यह सही है कि भारत और चीन के बीच सिंधु जल संधि जैसा कोई समझौता नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं होने के बावजूद चीन पूरी तरह से ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को नहीं रोक सकता है।

वायरल पोस्ट को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 15 हजार लोग फॉलो करते हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुए फेक और भ्रामक दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद चीन के ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोके जाने का दावा गलत है। इससे पहले भारत ने इस मामले में जवाबी कार्रवाई करते हुए सिंधु जल समझौता को स्थगित करने का फैसला लिया है।

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