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Fact Check: BJP के 11 मेंबर्स के ISI के लिए जासूसी के आरोप में पकड़े जाने का दावा गलत, 8 साल पुराना वीडियो भ्रामक दावे से वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया यूजर्स हिंदी न्यूज चैनल एबीपी का एक वीडियो क्लिप शेयर कर रहे हैं, जिसमें यह दावा किया गया है कि मध्य प्रदेश में पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 11 सदस्यों को कथित तौर पर पाकिस्तान को खुफिया जानकारी मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को फेक पाया। वायरल वीडियो क्लिप हाल का नहीं, बल्कि 2017 की पुरानी घटना से संबंधित है, जब मध्य प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्कवॉड (एटीएस) ने आईएसआई के जासूसी रैकेट के मामले में कार्रवाई करते हुए अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश किया था और इसमें कुल 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें एक बीजेपी आईटी सेल का सदस्य ध्रुव सक्सेना भी शामिल था।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘I Support Rahul Gandhi’ ने वायरल वीडियो क्लिप (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “मध्य प्रदेश, बीजेपी के 11 सदस्य  पाकिस्तान को दे रहे थे खुफिया जानकारी, कर रहे थे जासूसी।”

कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो क्लिप को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो क्लिप कुछ सेकेंड का है, जिसमें एबीपी न्यूज की एंकर रोमाना इसारखान को न्यूज बुलेटिन पढ़ते हुए सुना जा सकता है। इस बुलेटिन में वह कह रही हैं, “खबर मध्य प्रदेश से, जहां से एमपी पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। एटीएस की गिरफ्त  में आईएसआई के 11 लोगों में से एक ध्रुव सक्सेना नाम का एक शख्स शामिल है, जिसे कल भोपाल से गिरफ्तार किया गया था। ध्रुव पहले बीजेपी की जिला ईकाई में आईटी सेल से जुड़ा हुआ था।”

यानी जिन 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया, वे बीजेपी के सदस्य नहीं थे, बल्कि उनमें से एक ध्रुव सक्सेना नाम का व्यक्ति था, जो भोपाल की बीजेपी जिला ईकाई में आईटी सेल से जुड़ा हुआ था।

एबीपी न्यूज के आधिकरिक यू-ट्यूब चैनल पर हमें ऑरिजिनल वीडियो बुलेटिन मिला, जिसे 10 फरवरी 2017 को प्रसारित किया गया है।

कई अन्य रिपोर्ट्स में इसका जिक्र है। आजतक.कॉम की 10 फरवरी 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक, “मध्य प्रदेश एटीएस की टीम ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश करने के बाद जिन 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, उनमें से एक बीजेपी आईटी सेल का सदस्य भी है। जो बीजेपी आईटी सेल का पदाधिकारी भी रहा है।”

अन्य रिपोर्ट्स में भी इस घटना का समान संदर्भ में विवरण है। हमारी जांच से स्पष्ट है कि संबंधित घटना हाल की नहीं, बल्कि पुरानी है, जिसे पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद के संदर्भ में शेयर किया जा रहा है।

वायरल वीडियो क्लिप को लेकर हमने इसमें नजर रही एंकर और पत्रकार रोमाना इसार खान से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “उनका यह बुलेटिन काफी पुराना है।”

गौरतलब है कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक हुई थी। इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए विदेश सचिव ने बताया था कि सरकार ने सिंधु जल समझौता, 1960 को स्थगित किए जाने का फैसला लिया है।

इस हमले में कुल 26 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने भी शिमला समझौता को स्थगित किए जाने की चेतावनी दी है। बताते चलें कि दोनों देशों के बीच यह ऐतिहासिक समझौता 1972 में हुआ था

इस हमले के बाद भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी श्रीनगर में सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा कर चुके हैं। सेना प्रमुख के इस दौरे के पहले और हमले के तत्काल बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर का दौरा किया था।

वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले पेज को फेसबुक पर 17 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बीजेपी के 11 सदस्यों को पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए पकड़े जाने का दावा फेक है। इस दावे के साथ वायरल हो रहा क्लिप करीब आठ साल पुराना है, जब मध्य प्रदेश में आईएसआई के जासूसी रैकेट के खिलाफ कार्रवाई के मामले में राज्य की एटीएस ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश करने के बाद जिन 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था, उनमें एक बीजेपी आईटी सेल का सदस्य भी शामिल था।

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