नई दिल्ली। आसमान से आग बरस रही है। सूरज की तपिश बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक को बीमार कर रही है। अस्पतालों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द, आंखों में सूखापन, बेचैनी व घबराहट के मरीजों की तादाद बढ़ गई है। बढ़ते तापमान के कारण शरीर को ठंडा करने का सिस्टम बिगड़ जाता है, जिससे कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर से उन लोगों को, जिनका धूप, लू से सीधा सामना होता है।
इस मौसम में अस्पतालों के ओपीडी से लेकर निजी क्लिनिक तक में मरीजों की भीड़ देखने को मिलती है। तेज गर्मी से बच्चे काफी तादाद में बीमार हो रहे हैं। डॉक्टर्स की सलाह है कि बच्चों को ठंडी चीजों के सेवन से बचाना चाहिए। इसमें कोल्डड्रिंक्स से लेकर वह सभी पेय पदाथ शामिल हैं, जिसमें बर्फ का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस्तेमाल होता है।

वाराणसी स्थित बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के जनरल मेडिसिन विभाग के डॉक्टर दीपक गौतम कहते हैं कि अस्पतालों में उल्टी दस्त, पेट दर्द के साथ बेचैनी, घबराहट के मरीजों की संख्या ज्यादा आ रही है। संभव हो सके तो धूप में सुबह 11 से शाम चार बजे तक निकलने से बचें। हीट स्ट्रोक के कारण शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। जिसकी वजह से मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों को भारी नुकसान हो सकता है।

डॉक्टर दीपक गौतम कहते हैं कि गर्मी से थकान होती है, जिसमें शरीर थक जाता है और व्यक्ति को कमजोरी, चक्कर आना और अन्य लक्षणों का अनुभव हो सकता है। डिहाइड्रेशन के दौरान शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे व्यक्ति को प्यास, सूखी त्वचा और अन्य लक्षणों का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा हीट क्रैम्प्स में मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन होती है। गर्मी में होने वाली बीमारियों के प्रमुख लक्षण में पीड़ितों को बुखार, पसीना आना, चक्कर और मांसपेशियों में दर्द व ऐंठन हो सकता है। इसकी रोकथाम के लिए पर्याप्त पानी पीना बहुत जरूरी है, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।


दिल्ली सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रम दिल्ली राज्य स्वास्थ्य मिशन की एक एडवाइजरी के अनुसार, ‘अधिक गर्मी वाले समय विशेषकर दोपहर 12 से 03 बजे के मध्य, सूर्य की सीधी रोशनी में जाने से बचें। नंगे पैर बाहर ना निकलें। अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों के उपयोग से यथासंभव बचें तथा बासी भोजन का प्रयोग ना करें। बच्चों तथा पालतू जानवरों को खड़ी गाडियों (Parked Car) में न छोड़े। गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें। जब बाहर का तापमान अधिक हो तब अत्याधिक शारीरिक परिश्रम का कार्य न करें। अधिक गर्मी वाले समय में खाना बनाने से बचें, रसोई वाले स्थान को ठंडा रखने के लिये दरवाज़े तथा खिड़कियां खोल दें। शराब, चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक आदि का उपयोग करने से बचें, क्योंकि यह शरीर में निर्जलीकरण करते हैं।’
गर्मी में बीमारियां और लक्षण
दिल्ली के सोमदत्त अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर विमल श्रीवास्तव कहते हैं कि गर्मी में बढ़े हुए तापमान के बीच यदि तेज बुखार है तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में दिखाना चाहिए। यह जानलेवा हो सकता है। गर्मियों में सामान्य बीमारियां और उनके लक्षण के बारे में बताते हुए डॉक्टर विमल श्रीवास्तव कहते हैं कि इस मौसम में लोगों को लू लगना, शरीर में पानी की कमी, फूड प्वाइजनिंग, बुखार जैसी बीमारियां हो सकती हैं। धूप से बचने की कोशिश करें और छतरी या टोपी का उपयोग करना चाहिए। आराम करें और हल्के कपड़े पहनने का प्रयास करें, इससे शरीर को ठंडा रखने में मदद मिलेगी। इन उपायों के जरिए लोग स्वस्थ रह सकते हैं।

राजस्थान सरकार के आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग ने गर्मी में लू से बचने के कुछ उपाए बताए हैं। इनका ध्यान रखकर अपनी और अपनों की जान बचाई जा सकती है।
– पानी/तरल पदार्थ जैसे छाछ, नींबू का पानी, आम का पना का उपयोग करें।
– यात्रा करते समय पानी साथ रखें।
– संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें।
– अधिक प्रोटीन वाले तथा बासी खाद्य पदार्थ खाने से बचें ।
– दोपहर में सूर्य की रोशनी से बचें।
– लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपड़ों से पोछें अथवा नहलाएं तथा चिकित्सक से सम्पर्क करें।
– लू लगने के लक्षणों को पहचानें, यदि कमजोरी लगे, सिरदर्द हो, उल्टी महसूस हो, तेज पसीना और झटका जैसा महसूस हो, – – चक्कर आए तो तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करें।
– बीमार और गर्भवती महिला कामगारों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल एक्सपर्ट्स की मदद से लिखा गया है। यहां दी गई जानकारी केवल सूचना के लिए है। किसी भी सलाह के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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