नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। इससे जोड़कर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें एक बांध का वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान को रोका गया पानी डैम के ओवरफ्लो होने के कारण बहने लगा। यूजर इसे भारत सरकार पर तंज करते हुए शेयर कर रहा है।
विश्वास न्यूज ने इसकी जांच की तो पता चला कि वायरल वीडियो ओडिशा के हीराकुंड डैम का है। इसका सिंधु जल संधि मामले से कोई संबंध नहीं है।
वायरल पोस्ट
इंस्टा यूजर sachin_ambani_0 ने 27 अप्रैल को वीडियो को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए भारत सरकार पर तंज कसा। वीडियो पर लिखा है,
“पाकिस्तान के सामने भारत की हुई बेइज्जती डेम का पानी नहीं रोक पाए व्यवस्था नहीं होने से डैम के ऊपर से पानी आने लगा।”
खबर लिखे जाने तक इस रील को करीब 36 लाख व्यूज मिल चुके थे।

पड़ताल
वायरल दावे की जांच के लिए हमने वीडियो का कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस से सर्च किया। इंस्टाग्राम यूजर saini_top_models_mp31 ने 11 अप्रैल को वायरल वीडियो को ‘हीराकुंड डैम’ का बताते हुए शेयर किया।

The Life Of Travel यूट्यूब चैनल पर भी 4 जनवरी को इस वीडियो को हीराकुंड डैम का बताकर शेयर किया गया है।
इस चैनल पर इस बांध से संबंधित अन्य वीडियो को भी देखा जा सकता है।
इस बारे में गूगल पर सर्च करने पर ओडिशा टीवी की वेबसाइट पर इस बांध को हीराकुंड डैम बताया गया है।

इसमें अपलोड तस्वीर और वायरल वीडियो में दिख रहे डैम का स्क्रीनशॉट लगभग एक जैसा है।

इस बांध से संबंधित वीडियो को Subhayan Banik और Mithilesh Yadav यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है।
भारत सरकार की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, यह बांध ओडिशा के संबलपुर शहर में महानदी पर बनाया गया है।

27 अप्रैल 2025 को न्यूज 18 में छपी रिपोर्ट के अनुसार, “पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है। 1960 में वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच यह संधि हुई थी। इसके तहत सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी को बांटने का निर्णय हुआ था। पूर्वी नदियां ब्यास, रावी और सतलुज का पानी भारत और पश्चिमी नदियां यानी सिंधु, चिनाब और झेलम का पानी पाकिस्तान को दिया गया। संधि के तहत दोनों देशों को एक-दूसरे की नदियों पर सीमित उपयोग, जैसे छोटे जलविद्युत प्रोजेक्ट्स की भी अनुमति दी गई। सिंधु बेसिन पर पाकिस्तान की 80 फीसदी कृषि निर्भर है।”

विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर भी 1960 में की गई इंडस वाटर ट्रीटी यानी सिंधु जल संधि के बारे में पढ़ा जा सकता है।
25 अप्रैल को आजतक की वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार, “जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा है कि सिंधु जल संधि के तहत लिए गए निर्णय को तीन चरणों- तुरंत, मिड और लॉन्ग टर्म में लागू किया जाएगा। इससे पहले केंद्र सरकार ने संधि को निलंबित करने की औपचारिक अधिसूचना जारी कर उसे पाकिस्तान को सौंप दिया था। इसमें कहा गया था कि संधि को स्थगित रखा जा रहा है, जिससे सिंधु आयुक्तों के बीच बैठकें, डेटा साझा करना और नई परियोजनाओं की अग्रिम सूचना सहित सभी संधि दायित्वों को प्रभावी रूप से निलंबित कर दिया गया है। इसके बाद भारत पाकिस्तान की अनुमति या परामर्श के बिना नदी पर बांध बनाने के लिए स्वतंत्र है।”

इस बारे में हमने संबलपुर में दैनिक जागरण के रिपोर्टर राधे श्याम से संपर्क कर वीडियो भेजा। उनका कहना है कि यह हीराकुंड डैम का वीडियो है, जो महानदी पर बना हुआ है। इसका सिंधु जल संधि से कोई संबंध नहीं है।
ओडिशा के हीराकुंड बांध के वीडियो को सिंधु जल संधि से जोड़कर गलत दावा करने वाले यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर ने भारत के खिलाफ कुछ विवादास्पद पोस्ट की हैं।
पहलगाम हमले के बाद सोशल मीडिया पर कई फर्जी एवं भ्रामक पोस्ट वायरल हुई है। विश्वास न्यूज की रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
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