नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर टीटीई का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में टीटीई को एक बुजुर्ग से पैसे लेते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह प्रयागराज जा रही ट्रेन का है। बुजुर्ग व्यक्ति महाकुंभ जा रहा थे और टीटीई ने बुजुर्ग से सारे पैसे ले लिए।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो पांच साल पहले चंदौली में हुई एक घटना का है। वीडियो सामने आने के बाद टीटीई को निलंबित कर दिया गया था। वीडियो का महाकुंभ से कोई संबंध नहीं है।
क्या हो रहा है वायरल ?
फेसबुक यूजर ‘विक्रम सिंह वर्मा प्रधान’ ने 1 फरवरी 2025 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट ! प्रयागराज ,महाकुंभ में जाते हुए गरीब यात्री से इस TTE ने पूरे पैसे ही हड़प लिए।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल
वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें वायरल वीडियो चंदौली समाचार के यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 26 जुलाई 2019 को अपलोड किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वीडियो को चंदौली का बताया गया है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट ईटीवी भारत की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 26 जुलाई 2019 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, “पूर्व मध्य रेल के मुगलसराय रेल डिवीजन के एक टीटीई का ट्रेन में पैसेंजर से पैसा लेते हुए वीडियो सामने आया था। वीडियो के सामने आने के बाद मुगलसराय रेल मंडल के डीआरएम पंकज सक्सेना ने टीटीई को सस्पेंड कर दिया है। मामले की जांच के लिए इंक्वायरी बैठाई गई थी।”

हमें दावे से जुड़ी एक पोस्ट रेलवे सेवा के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर मिली। दरअसल, साल 2019 में एक यूजर ने पोस्ट को शेयर कर टीटीई पर एक्शन लेने के लिए कहा था। उस दौरान ‘डीआरएम पं. दीन दयाल उपाध्याय डिवीजन’ ने यूजर को रिप्लाई करते हुए बताया था कि घटना पुरानी है और टीटीई पर कार्रवाई करते हुए उसे निलंबित कर दिया गया था।
अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण चंदौली के चीफ रिपोर्टर प्रदीप सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो करीब पांच साल पहले हुई घटना का है। टीटीई का नाम विनय कुमार था और वो एक विवाद के चलते जेल भी गए थे। उस समय कार्रवाई करते हुए टीटीई को निलंबित कर दिया गया था।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को उत्तर प्रदेश का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बुजुर्ग यात्री से पैसे लेते टीटीई के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा। वायरल हो रहा वीडियो करीब पांच साल पहले चंदौली में हुई एक घटना का है। वीडियो सामने आने के बाद टीटीई को निलंबित कर दिया गया था। वीडियो का महाकुंभ से कोई संबंध नहीं है।
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