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डॉ. मनमोहन सिंह भी कई बार हुए थे मिसइन्फॉर्मेशन का शिकार

नई दिल्‍ली Vishvas News । पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में 26  दिसंबर (गुरुवार) को रात 9.51 मिनट पर निधन हो गया। उनका योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में अनमोल रहेगा। डॉ. सिंह कई बार मिसइन्फॉर्मेशन का शिकार बने और कई बार उन्हें लेकर गलत सूचनाएं फैलाई गईं। उनका नाम लेकर अक्सर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधने की कोशिश की गई। आइए नजर डालते हैं उनसे जुड़ी कुछ फैक्ट चेक्स रिपोर्ट्स पर।

फर्जी X पोस्ट्स और सोशल मीडिया पर बयान

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को लेकर कई फर्जी X पोस्ट्स सोशल मीडिया पर वायरल हुए। इन X पोस्ट्स के जरिए कभी दावा किया गया कि उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों की तारीफ की है, तो कभी कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा गया। हमारी जांच में ये पोस्ट्स फर्जी साबित हुईं, क्योंकि डॉ. मनमोहन सिंह X का इस्तेमाल नहीं करते थे और उनका कोई ऑफिशियल X अकाउंट नहीं था।

फर्जी बयान और राजनीतिक प्रचार

सोशल मीडिया पर कई बार यह दावा किया गया था कि डॉ. मनमोहन सिंह ने भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील की है। विश्वास न्यूज ने ऐसे कई दावों की जांच की और पुष्टि की कि यह पूरी तरह से झूठे दावे थे। चुनावों के दौरान अक्सर ऐसे फर्जी पोस्ट्स को वायरल किया गया।

एडिटेड तस्वीरें और आधे-अधूरे वीडियो

डॉ. मनमोहन सिंह को लेकर कई एडिटेड वीडियो भी वायरल हुए, जिनमें उन्हें गलत संदर्भ में पेश किया गया। ऐसे ही एक पोस्ट में दावा किया गया कि एक पत्रकार ने मनमोहन सिंह से सोनिया गांधी के बारे में सवाल पूछा, जिस पर वे असहज हो गए। विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच की। वीडियो एडिटेड साबित हुआ। पत्रकार ने सोनिया गांधी को लेकर नहीं, बल्कि मनमोहन सिंह पर बनी फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ को लेकर सवाल पूछा था।

इसी तरह, पीएम मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तस्वीरों का कोलाज शेयर कर दावा किया गया कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाते थे, जबकि पीएम मोदी भारतीय खिलाड़ियों से मिलते हैं। असल में, यह दावा भी भ्रामक था। दरअसल, 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप के भारत-पाक मैच में मनमोहन सिंह भारतीय और पाकिस्तानी खिलाड़ियों से मिले थे। उस दौरान की तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया है।

इसी तरह, 2007 क्रिकेट विश्व कप के बाद भारतीय क्रिकेट टीम से उनकी मुलाकात की एक फोटो को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम की सोनिया गांधी के साथ एक तस्वीर को वायरल करते हुए दावा किया गया कि वर्ष 2007 में जब भारत ने वर्ल्ड कप जीता था, तब टीम का फोटोशूट उस वक्त के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बजाय सोनिया गांधी के साथ कराया गया था। विश्वास न्यूज़ ने इस दावे को भी भ्रामक पाया। हमारी पड़ताल में पता चला था कि टीम को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलवाया गया था।

अंतरराष्ट्रीय मामलों पर गलत जानकारी

सोशल मीडिया पर शेख हसीना और कांग्रेस नेताओं की एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें यह दावा किया गया कि वे दिल्ली में तब मिले थे, जब डॉ. मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे और इसके बावजूद ज्यादा तवज्जो सोनिया गांधी को दी गई। विश्वास न्यूज़ ने अपनी जांच में पाया कि यह दावा भ्रामक था। वायरल तस्वीर 2019 की थी। उस समय बांग्लादेश की तत्कालीन पीएम शेख हसीना ने दिल्ली में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। 2019 में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री नहीं थे।

ऐसे ही एक और वीडियो को शेयर कर दावा किया गया कि जब श्रीलंका के पीएम रानिल विक्रमसिंघे पीएम मनमोहन सिंह से मिलने पहुंचे तो उन्हें साइडलाइन कर दिया गया और सोनिया गांधी को आगे रखा गया। हमारी पड़ताल में यह दावा भी झूठा निकला था। यह वीडियो 2017 का था और तब भी डॉ. मनमोहन सिंह पीएम नहीं थे।

इसके उलट कुछ फर्जी पोस्ट्स डॉ सिंह की प्रतिष्ठा बढ़ाने की कोशिश के साथ की गयीं। एक फर्जी दावा वायरल हुआ, जिसमें कहा गया कि अमेरिका ने “सबसे ईमानदार व्यक्तियों” की एक सूची जारी की है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को शीर्ष स्थान दिया गया है। लेकिन विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भी पूरी तरह से झूठा पाया गया। अमेरिका द्वारा ऐसी कोई सूची जारी नहीं की गई थी।

इसी तर्ज पर एक और दावा किया गया था कि ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की तारीफ करते हुए उन्हें “महान अर्थशास्त्री” कहा और उनके योगदान को सराहा। लेकिन विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भी पूरी तरह से झूठा पाया गया। ऋषि सुनक के द्वारा ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया था।

स्वास्थ्य के बारे में झूठी अफवाहें

डॉ. मनमोहन सिंह के स्वास्थ्य को लेकर भी कई बार गलत अफवाहें फैलाई गईं। 2021 में इन फर्जी पोस्ट्स में उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए दावा किया गया कि डॉ. सिंह का निधन हो गया था। ये पोस्ट फर्जी थीं। उस समय उनका दिल्ली के एम्स में डेंगू का इलाज चल रहा था। वे बीमारी से ठीक हुए थे और सही-सलामत अस्पताल से डिस्चार्ज हुए थे। उनका निधन 26 दिसंबर 2024 को हुआ।

छवि धूमिल करने की कोशिश

सोशल मीडिया में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी का एक वीडियो भी अक्सर वायरल होता रहता था, जिसमें इन दोनों को केक काटते देखा जा सकता था। इसी वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल करते हुए यह कहा जाता था कि मनमोहन सिंह अपना जन्मदिन का केक भी खुद नहीं काट सकते थे। हमारी जांच में सामने आया कि दरअसल कांग्रेस के फाउंडेशन डे का एक वीडियो था, जिसे फर्जी दावे के साथ वायरल किया गया था।

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