नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 के तहत तेलंगाना की सभी सीटों पर चौथे चरण के तहत मतदान होना है और उससे पहले सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि हैदराबाद में मुख्यमंत्री सचिवालय से थोड़ी दूरी पर ही कुछ लोगों ने पाकिस्तानी झंडे को लहराते हुए प्रदर्शन किया। दावा किया जा रहा है कि तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल हो रहा वीडियो एक धार्मिक कार्यक्रम का है, जिसमें फहराए जा रहे झंडे धार्मिक (इस्लामी झंडे) हैं। इसी वीडियो क्लिप को सांप्रदायिक रंग देते हुए इसमें लहराए जा रहे झंडों को पाकिस्तानी झंडा बताकर शेयर किया जा रहा है।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘Venugopal Rao Akkinapally’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “Just a few steps away from the secretariat, old fashioned wild extremists are marching on Tankbund with Pakistani flags, think Telangana Hindus, time is not over yet, if you remain silent, in a few more days they will come on your streets, waving Pakistani flags in front of your houses, vote for those parties who will save our country, save our religion.
Where will this anarchy go government…*Is Revanth Reddy the keeper of these people?*”
(“सचिवालय से चंद कदमों की दूरी पर पुराने जमाने के चरमपंथी पाकिस्तानी झंडे लहराते हुए टैंक बंड पर मार्च कर रहे हैं। सोचो तेलंगाना के हिंदुओं, समय अभी खत्म नहीं हुआ है, अगर तुम चुप रहे, तो कुछ और दिनों में वे पाकिस्तानी झंडे लहराते हुए तुम्हारी सड़कों पर आ जाएंगे अपने घरों के सामने झंडे लगाओ, उन पार्टियों को वोट दो जो हमारे देश को बचाएंगे, हमारे धर्म को बचाएंगे। ये अराजकता कहां तक जाएगी….
*क्या रेवंत रेड्डी इन लोगों के रखवाले हैं?*”)
एशियानेटन्यूज हिंदी के फेसबुक पेज (आर्काइव लिंक) से भी इसे समान दावे के साथ शेयर किया गया है।
पड़ताल
वायरल वीडियो में नजर आ रहे झंडों को देखकर स्पष्ट हो जाता है कि यह पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज नहीं है। इससे पहले कई अलग-अलग मौकों पर ऐसा दावा वायरल हुआ है, जिसमें इस्लामी झंडे को पाकिस्तानी झंडा समझकर सोशल मीडिया यूजर्स को गुमराह करने की कोशिश की गई थी। इस्लामी झंडा और पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज में काफी फर्क है, जिसे नीचे दर्शाए गए कोलाज में देखा जा सकता है।
साथ ही विश्वास न्यूज के इस वीडियो में दोनों के बीच के अंतर और अतीत में सामने आई ऐसी घटनाओं की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो क्लिप के साथ साझा की गई जानकारी के आधार पर की-वर्ड सर्च में ‘Hyderabad Deccan NEWS’ नामक यू-ट्यूब चैनल पर दो अक्टूबर 2023 को अपलोड किया हुआ वीडियो (आर्काइव लिंक) मिला। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो मिलाद-उन-नबी के मौके पर टैंकबंद पर हुई रैली का है।
सोशल मीडिया सर्च में हमें हैदराबाद सिटी पुलिस के आधिकारिक एक्स हैंडल से किया गया ट्वीट (आर्काइव लिंक) भी मिला, जिसमें उन्होंने इस वीडियो को पिछले साल मिलाद-उन-नबी त्योहार से संबंधित बताया है। साथ ही पुलिस ने इस वीडियो को लेकर फेक न्यूज फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है।
वायरल पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि यह घटना तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार के बनने का बाद है, जो गलत है। तेलंगाना में रेवंत रेड्डी ने सात दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली थी और इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें एक्स प्लेटफॉर्म (आर्काइव लिंक) के जरिए बधाई दी थी।
वायरल वीडियो क्लिप को लेकर हमने हैदराबाद के स्थानीय टीवी पत्रकार नूर मोहम्मद से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “यह वीडियो पुराना है और इसमें नजर आ रहा झंडा मजहबी (इस्लामी) है।”
चुनाव आयोग की अधिसूचना (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, तेलंगाना की सभी लोकसभा सीटों पर चौथे चरण के तहत 13 मई 2024 को मतदान होना है। लोकसभा चुनाव 24 के नतीजे 4 जून को आएंगे।
वायरल वीडियो को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को हैदराबाद का रहने वाला बताया है। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष:तेलंगाना में पाकिस्तानी झंडा फहराए जाने का दावा गलत है। वायरल वीडियो दो अक्टूबर 2023 का है, जब मिलाद-उन-नबी के दौरान कुछ लोगों ने मजहबी यानी इस्लामी झंडे को लहराया था। इसी पुराने वीडियो को गलत दावे के साथ पाकिस्तानी झंडा लहराए जाने की घटना बताकर शेयर किया जा रहा है।
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