नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। राम मंदिर का अभिषेक समारोह संपन्न होने के साथ ही मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति स्थापित कर दी गई, जो श्याम रंग का है। कई सोशल मीडिया यूजर्स इस मूर्ति के एक छोटे वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए चमत्कार का दावा कर रहे हैं, जिसमें प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की मूर्ति पलक झपकाते हुए नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इसे समान दावे के साथ शेयर किया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। वायरल वीडियो में एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है, जिसमें भगवान श्री राम की प्रतिमा को मुस्कुराते हुए देखा जा सकता है। एआई की मदद से बनाए गए इस वीडियो को सोशल मीडिया यूजर्स चमत्कारिक मानते हुए शेयर कर रहे हैं।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘Jagpal jareda’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) क्लिप को शेयर करते हुए लिखा है, “मुस्कुराते पलके झपकाते हुए अयोध्या राम मंदिर में रामलला।”
कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
22 जनवरी को राम मंदिर अभिषेक समारोह के दौरान नई मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गई और इस पूरे कार्यक्रम का लाइव प्रसारण हुआ। नरेंद्र मोदी के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर इस पूरे कार्यक्रम का लाइव वीडियो मौजूद है। करीब पांच घंटे से अधिक लंबे इस वीडियो में 2.11.18 के फ्रेम से लेकर 3.18.48 के फ्रेम में रामलला की मूर्ति को देखा जा सकता है।
कई अन्य न्यूज चैनल्स के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर भी यह वीडियो मौजूद है, जिसे 22 जनवरी को लाइव टेलीकास्ट किया गया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई अन्य मशहूर हस्तियों ने रामलला की मूर्ति के क्लोज अप वीडियो को शेयर किया है।
सभी वीडियो में रामलला की स्थिर मूर्ति को देखा जा सकता है। सोशल मीडिया सर्च में हमें ऐसे कई यूजर्स का पोस्ट मिला, जिसमें उन्होंने इस वीडियो को एआई क्रिएटेड बताया है।
वायरल वीडियो को लेकर हमने एआई और मशीन लर्निंग पर काम करने वाले विशेषज्ञ अभिजीत पराशर से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि यह वीडियो एआई की मदद से तैयार किया गया सिथेंटिक मीडिया है।
security.virginia.edu की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, डीप फेक वास्तव में आर्टिफिशियल इमेज या वीडियो होता है, जिसे विशेष तरह की मशीन लर्निंग (“डीप”) की मदद से तैयार किया जाता है।
ऐसे वीडियो अल्गोरिद्म के इस्तेमाल के जरिए ऑरिजिनल वीडियो को बदल कर बनाए जाते हैं और इसे प्रमाणिक या विश्वसनीय दिखाने के लिए आम तौर पर इसमें मशहूर लोगों के चेहरे को जोड़ दिया जाता है। एआई टूल के सामने आने के बाद ऐसे वीडियो के निर्माण में तेजी आई है।
एआई से संबंधित अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज के एआई चेक सेक्शन में पढ़ा जा सकता है। वायरल वीडियो को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 46 हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: राम मंदिर अभिषेक समारोह के बाद मुस्कुराते हुए रामलला की तस्वीर वाला वीडियो एआई क्रिएटेड है।
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