नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के लिए एक वीडियो को वायरल किया जा रहा है। 30 सेकंड के इस वीडियो में एक बच्चे को भारत माता बनी एक लड़की के सिर से मुकुट उतारते हुए दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को दिल्ली के सरकारी स्कूल का बताते हुए सांप्रदायिक दावा कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा बेबुनियाद और फर्जी साबित हुआ। दरअसल यूपी के लखनऊ के एक स्कूल में एक नाटक खेला गया था। इसमें सभी धर्मों के सम्मान और सांप्रदायिक सौहार्द्र का संदेश दिया गया था। उसी नाटक के एक हिस्से को काटकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर योगी अखाड़ा प्रदेश सचिव ने 5 जुलाई को एक वीडियो को पोस्ट करते हुए दावा किया, “दिल्ली के सरकारी स्कूलों में ये हो रहा है !! भारत माता के सिर से मुकुट उतारकर सफेद कपड़ा रखकर कलमा पढ़ाया जा रहा है। ये है दिल्ली के स्कूलों का केजरीवाल मॉडल, इसे ज्यादा से ज्यादा फैलाओ…..”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले इसके कई कीफ्रेम्स निकाले गए। इसके लिए इनविड टूल की मदद ली गई। इसके बाद इन कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया गया। इसी वीडियो का लंबा वर्जन हमें अरविंद चौहान नाम के एक पत्रकार के ट्विटर हैंडल पर मिला। इसे 15 अगस्त 2022 को अपलोड किया गया था। इसमें लखनऊ के स्कूल के बच्चों को अलग-अलग तरीकों से प्रार्थना करते हुए दिखाया गया।
इसी हैंडल पर 15 अगस्त 2022 को एक दूसरा ट्वीट भी मिला। इसमें लखनऊ वेस्ट के डीएसपी एस चिन्नप्पा का बयान था। इसमें वे बता रहे हैं कि लखनऊ के शिशु भारती विद्यालय, मालवीय नगर बजार खाला थाना क्षेत्र के बच्चों के द्वारा एक नाटक का मंचन किया गया था। इसमें बच्चों के द्वारा धर्म के नाम झगड़ा न करने और सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने का संदेश दिया गया।
जांच को आगे बढ़ाते हुए लखनऊ पुलिस के ट्विटर हैंडल को स्कैन किया गया। असली वीडियो लखनऊ पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी मिला। 15 अगस्त 2022 को अपलोड करते हुए इस वीडियो के साथ पुलिस की ओर से बताया गया, “छोटे बच्चों द्वारा सांप्रदायिक सौहार्द्र हेतु प्रस्तुत नाटिका का सम्पूर्ण वीडियो, जिसको कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा गलत ढंग से प्रचारित कर सांप्रदायिक द्वेष फैलाने का आपराधिक कृत्य किया गया है। ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, लखनऊ के क्राइम रिपोर्टर ज्ञान बिहारी मिश्र से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फेक है। वायरल वीडियो लखनऊ के एक स्कूल का है। यह पुराना वीडियो है। सभी धर्मों के सम्मान के संदेश के साथ स्कूल में एक नाटक खेला गया था। वीडियो उसी दौरान का है।
अब बारी थी फेसबुक यूजर योगी अखाड़ा प्रदेश सचिव के अकाउंट की जांच करने की। इसी अकाउंट से फेक पोस्ट किया गया था। जांच में पता चला कि यूजर को 1500 लोग फॉलो करते हैं। यह यूजर गुजरात के राजकोट का रहने वाला है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वायरल वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। सांप्रदायिक सौहार्द्र का संदेश देने के लिए लखनऊ के एक स्कूल के बच्चों ने एक नाटक का मंचन किया था। इसमें सभी धर्मों के हिसाब से प्रार्थना की गई थी। वीडियो के एक हिस्से के साथ छेड़छाड़ करके गलत दावे के साथ वायरल किया गया है।
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