नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पाकिस्तान में जारी आर्थिक संकट से जोड़कर एक वीडियो को वायरल किया जा रहा है। वीडियो में कुछ लोगो को पेड़-पौधे उखाड़ते और हाथ में काला झंडा पकड़े नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। अब कुछ यूजर्स इस वीडियो को हाल का बताकर दावा कर रहे हैं कि पाकिस्तान में पेड़-पौधे भी सुरक्षित नहीं है।
विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा भ्रामक निकला। असल वीडियो साल 2020 का है, जब पाकिस्तान में वृक्षारोपण अभियान के दौरान दो समूहों के बीच भूमि विवाद के कारण लगाए गए पेड़ों को उखाड़ दिया गया था। उसी वीडियो को अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
क्या हो रहा है वायरल ?
फेसबुक यूजर ‘Phil Phil’ ने 23 जून 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “न केवल इंसान, जानवर, कारें बल्कि पेड़ भी शांतिपूर्ण लोगों से सुरक्षित नहीं हैं! ये पाकिस्तानी लोग पेड़ों को नष्ट कर रहे हैं! हो सकता है कि वे किसी तरह उनकी शांतिप्रिय संस्कृति के खिलाफ हों! और हमारी सरकार यहां उनमें से अधिक चाहती है।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
पड़ताल
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इस बारे में कीवर्ड से गूगल पर ओपन सर्च किया। इस दौरान हमें पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट ‘द न्यूज़’ पर वायरल वीडियो से जुड़ी खबर मिली। 9 अगस्त 2020 को पब्लिश खबर में वीडियो भी मौजूद है। दी गई जानकारी के मुताबिक, “खैबर पख्तूनख्वा के सांसद के वृक्षारोपण अभियान के तहत लगाए गए पेड़ों को खैबर एजेंसी के मंडी कास क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने “निजी भूमि पर जबरन वृक्षारोपण” के आरोप में उखाड़ दिया। पीटीआई विधायक इकबाल अफरीदी के अभियान-टाइगर फोर्स डे पर मनाई जाने वाली 10 बिलियन ट्री सुनामी पहल के समापन के तुरंत बाद अराजकता शुरू हो गई और क्षेत्र के निवासी नए लगाए गए पेड़ों को हटाने के लिए साइट पर पहुंच गए।”

सर्च के दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी खबर ‘theweek.in’ की वेबसाइट पर भी मिली। 10 अगस्त 2020 को पब्लिश खबर के अनुसार, पाकिस्तान के खैबर में मंडी कास क्षेत्र के निवासियों ने रविवार को जानबूझकर सरकार द्वारा देशव्यापी वृक्षारोपण अभियान के तहत लगाए गए पेड़ों को उखाड़ दिया। वहां रहने वाले निवासियों के मुताबिक, पेड़ लगाने से पहले सरकार ने उनसे इजाजत नहीं ली थी।”
वायरल वीडियो को पाकिस्तानी आवामी तहरीक के सेक्रेटरी जनरल खुर्रम नवाज ने भी अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया था। वीडियो को 9 अगस्त 2020 को शेयर किया गया था।
अधिक जानकारी के लिए हमने पाकिस्तान के पत्रकार आदिल अली से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, यह घटना साल 2020 में हुई थी। हाल-फिलहाल में ऐसी कोई घटना यहां नहीं हुई है।
पड़ताल के अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक यूजर ‘Phil Phil‘ की प्रोफाइल को स्कैन किया। इसके मुताबिक, यूजर फ्लोरिडा से है और यूजर के 1 हजार से ज्यादा फ्रेंड्स हैं।
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