नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर महिलाओं के साथ मारपीट करते हुए कुछ लोगों का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ महिलाएं जमीन पर बैठी हैं और एक महिला डंडे से उन्हें पीट रही है। वीडियो को इटावा कथावाचकों के मामले से जोड़ते हुए दावा किया जा रहा है कि यह मामला इटावा का है, जहां पर यादव समुदाय के लोग कथा करवा रहे थे। लेकिन ब्राह्मण समाज की महिलाएं भी कथा में शामिल होने के लिए पहुंच गई, तो यादव समुदाय ने उनकी पिटाई कर दी।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो चोरी के आरोप में पकड़ी गई महिलाओं के एक गिरोह का है, जिसे अब मनगढ़ंत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
क्या हो रहा है वायरल ?
इंस्टाग्राम यूजर sk.story09 ने 27 जून 2025 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। वीडियो पर लिखा हुआ है, “यादव के कथा में ब्राह्मण महिलाएं पहुचे तो यादव महिला उसको मरने लगे पर हैं तो हिन्दू धर्म ना इतना नफरत क्यूँ जब से BJP की सरकार आया है तब से नफरती चालू हुआ है और इसका जिम्मेदार कोण हैं।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल का इस्तेमाल किया और कई कीफ्रेम निकाले। फिर उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट सिटी लाइव नाम के यूट्यूब चैनल पर मिली। वीडियो को 26 जून 2025 को अपलोड किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, “मामला सुदामडीह थाना क्षेत्र के नुनुडीह NBC कॉलोनी का है। जहां पर श्री श्री पंचदेव मंदिर के प्रांगण में 9 दिवसीय यज्ञ चल रहा था और कलश यात्रा निकाली जा रही थी। इसी दौरान महिलाओं की एक गैंग ने कार्यक्रम में मौजूद कुछ महिलाओं के गहने चोरी कर लिये। समय रहते उन्हें पकड़ लिया गया और मंदिर कमेटी के कार्यालय में बंद कर दिया गया और पीटा गया।”
छोटा नागपुर लाइव नाम के एक यूट्यूब चैनल पर भी हमें दावे से जुड़ा एक वीडियो मिला। वीडियो में महिलाओं को पीटने वाली महिला का बयान मौजूद है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, “धनबाद के सुदामडीह क्षेत्र में आयोजित जलयात्रा के दौरान श्रद्धालु महिलाओं की चेन और मंगलसूत्र छीन लिए गए। भीड़ का फायदा उठाकर बाहर से आई महिलाओं ने घटना को अंजाम दिया। स्थानीय लोगों ने छह महिलाओं को पकड़कर पहले पिटाई की, फिर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस पूछताछ कर रही है और यज्ञ स्थल की सुरक्षा बढ़ा दी गई।”
22 स्कोप की वेबसाइट पर 25 जून 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, “भीड़भाड़ का फायदा उठाकर उषा देवी, सुचेता नारायण, बिंदु देवी, राज मुनि देवी और शांति देवी सहित कुल 6 महिलाओं के सोने की चेन और मंगलसूत्र छीन लिए गए थे। लेकिन वहां पर मौजूद कुछ लोगों ने सतर्कता दिखाई और गिरोह को पकड़ लिया। फिर पुलिस को बुलाकर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया।”
दैनिक जागरण के 26 जून 2025 के संस्करण में भी हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लोगों का आरोप है कि शोभायात्रा के दौरान आठ बाहरी संदिग्ध महिलाएं भी इसमें शामिल आई थी। नुनूडीह मोड़ के समीप शरबत वितरण हो रहा था। तभी भीड़ का फायदा उठाकर स्व. मनोज कुमार की पत्नी ऊषा देवी, रमेश भगत की पत्नी सुचेता नारायण, अरुण कुमार की पत्नी बिंदु देवी, आरके साव की पत्नी राजमुनि देवी व अशोक महतो की पत्नी शांति देवी के गले से चेन खींच ली गई। सभी ने सुदामडीह थाना में शिकायत दी है। घटना के बाद श्रद्धालुओं व यज्ञ समिति के सदस्यों ने कहा कि जिन्होंने चेन खींची हैं, वे वीडियो रिकार्डिंग में आ गई हैं। फिर क्या था, आठ महिलाएं भागने लगीं। तब लोगों ने छह महिलाओं को पकड़ लिया। उनकी जमकर पिटाई कर दी।” सभी को सुदामडीह थाने की पुलिस को सौंप दिया गया। पकड़ी गई पांच महिलाओं ने बताया कि पटना गया घाट बिहार की निवासी हैं। एक महिला पटना की है। सभी चूड़ी, सिंदूर, बिंदी बेचने आईं थीं। जब उनके पास से यह सामान बरामद नहीं हुआ, तो लोगों ने तेवर कड़े किए। तब उन्होंने कहा कि वह जगह देखने आई थीं। बाद में कोडरमा से सामान लाकर यहां बेचतीं।”

अधिक जानकारी के लिए हमने सुदामडीह थाना प्रभारी राहुल सिंह से इस वीडियो को लेकर बातचीत की। उन्होंने हमें बताया, “नुनूडीह एनबीसीसी कालोनी में 25 जून को निकाली गई कलश यात्रा में पांच महिलाओं के गले से चैन चोरी हुई थी, जिसमें भाग रही छह महिलाओ को शक के आधार पर लोगो ने पकड़कर पुलिस को सौंपा था। पकड़ी गई महिलाओं की छानबीन और उनसे पूछताछ की गई थी। लेकिन महिलाओ के पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ। बाद में सभी छह महिलाओ को छोड़ दिया गया था। पुलिस मामले में अभी जांच कर रही है। यह कोई जातिगत मारपीट का मामला नहीं है।”
दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 26 जून 2025 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, इटावा में कथावाचक मुकुट मणि यादव और संत सिंह यादव ने कुछ लोगों पर उनकी जाति पूछकर मारपीट करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कुछ ऊंची जाति के लोगों ने पहले उनसे उनकी जाति पूछी और फिर उनके साथ बदसलूकी की। इस मामले को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को करीब चालीस हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर एक विराचधारा से प्रेरित पोस्ट को शेयर करता है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि महिलाओं को पीटने के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो चोरी के आरोप में पकड़ी गई महिलाओं के एक गिरोह का है, जिसे अब मनगढ़ंत त दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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