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Fact Check: अंबाला के धरने और जयपुर की करीब सात साल पुरानी रैली के वीडियो का किसान आंदोलन से नहीं है संबंध

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर कुछ वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। इनमें से एक वीडियो में प्रदर्शन के दौरान किसानों को आपस में भिड़ते हुए देखा जा सकता है, जबकि दूसरे में भीड़ सड़क पर रैली निकाल रही है।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि दोनों वीडियो हालिया किसान आंदोलन से संबंधित नहीं हैं। इनमें से एक वीडियो स्थानीय समस्या को लेकर हरियाणा के अंबाला में ग्रामीणों के प्रदर्शन का है, जबकि दूसरा करीब सात साल पहले राजस्थान के जयपुर में निकाली गई रैली का है। दोनों वीडियो को सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 95992 99372 पर कुछ यूजर्स ने एक वीडियो को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का आग्रह किया। इसमें लिखा है,

“पैसों का बंटवारा बरोबर होना चाहिए… नकली किसान लगे आपस में ही लड़ने”

Farmers Protest 2024

फेसबुक यूजर Kuldeep Singh Banura (आर्काइव लिंक) ने भी इस वीडियो को किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर किया है।

Farmers Protest 2024

एक अन्य फेसबुुक यूजर ‘रमेश तिलकधारी बमणावत टहटडा‘ (आर्काइव लिंक) ने 21 फरवरी को रैली का एक वीडियो पोस्ट करते हुए उसे किसान आंदोलन का बताते हुए लिखा,

“किसान आंदोलन ‘दिल्ली कूच’ को राजस्थान में ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा हैं..किसान आंदोलन के समर्थन राजस्थान की राजधानी जयपुर में उमड़ा किसान मज़दूरों का जनसैलाब…

अभी तक किसी मिडिया ने किसानों के इस जनसैलाब को नहीं दिखाया है।”

Farmers Protest 2024

पड़ताल

हालिया किसान आंदोलन का बताकर वायरल किए जा रहे दोनों वीडियो की पड़ताल हमने एक-एक करके की।

पहला वीडियो

पहले वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें उसमें SANDHU HR 04 की माइक आईडी दिखी।

Farmers Protest 2024

इसकी मदद से हमने गूगल पर SANDHU HR 04 यूट्यूब चैनल की तलाश की। इस पर 30 जनवरी 2024 को इससे संबंधित वीडियो को अपलोड किया गया है। इसमें 11 मिनट के बाद वायरल वीडियो को देखा ज सकता है। इसके अनुसार, अंबाला के काला अम्ब न्यू रोड पर पुलिया की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने तंदवाल गांव में यह धरना दिया था।

इस बारे में हमने तंदवाल गांव के सरपंच सुकमार से बात की। उन्होंने कहा, “जहां पर यह धरना हुआ था, वह गांव नारायणगढ़ ब्लॉक में पड़ता है। वहां पुलिया की समस्या को लेकर यह धरना दिया गया था।

वहीं, अंबाला में दैनिक जागरण के रिपोर्टर दीपक बहल ने बताया कि नारायणगढ़ के काला अम्ब न्यू रोड पर धरना-प्रदर्शन हुआ था। यह प्रदर्शन लोगों की स्थानीय समस्या को लेकर था। इसका किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।  

इससे साफ होता है धरना देते किसानों के इस वीडियो का किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।

दूसरा वीडियो

इसके बाद हमने राजस्थान में किसान आंदोलन को मिल रहे समर्थन का बताकर वायरल किए जा रहे वीडियो की जांच की। इसका कीफ्रेम निकालकर गूगल लेंस पर सर्च किया। SBL Music यूट्यूब चैनल पर 27 जून 2018 को इस वीडियो को अपलोड किया गया है। हालांकि, इसमें वीडियो के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। वीडियो में कांग्रेस के झंडों और किसानों की मांगों के बोर्ड देखे जा सकते हैं।

कीवर्ड से सर्च करने पर यह हमें यह वीडियो राजस्थान सरकार में मंत्री रह चुके बाबूलाल नागर (आर्काइव लिंक) के आधिकारिक फेसबुक पेज पर मिला। इसे 1 जुलाई 2017 को अपलोड किया गया है। इसमें लिखा है कि यह किसान रैली 29 जून 2017 को जयपुर में सरकार की नीतियों के खिलाफ निकाली गई थी।    

Farmers Protest jaipur

इस बारे में जयपुर में एबीपी के पत्रकार संतोष पांडे का कहना है कि यह वीडियो करीब सात साल पुराना है। उस समय कांग्रेस नेता के नेतृत्व में रैली निकाली गई थी। इसका हालिया किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।

वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। सीकर के रहने वाले यूजर के करीब 4400 फॉलोअर्स हैं।

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