नई दिल्ली (विश्वास न्यूज) । ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्यों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पुरानी यूनिफॉर्म पहने कुछ युवाओं के साथ ब्रिटेन की महारानी को देखा जा सकता है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि तस्वीर तब की है, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने ब्रिटेन की महारानी को सलामी दी थी। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दावा गलत निकला। वायरल तस्वीर एडिटेड है और दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर यह तस्वीर बनाई गई है।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर Er Praveen Kumar ने 14 फरवरी को वायरल तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, “जब पूरा देश अंग्रेजों से लड़ रहा था तब कुछ गद्दार इंग्लैंड की रानी को सलामी दे रहे थे! आज उनके वंशज खुद को देशभक्त कहते है!!”
इस तस्वीर को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें udayavani.com की वेबसाइट पर 5 नवंबर 2022 को प्रकाशित एक खबर में मिली। पर खबर में मौजूद तस्वीर में इस तस्वीर में स्वयंसेवकों के सामने महारानी एलिज़ाबेथ नहीं थीं। पूरी खबर यहां देखें।
सर्च के दौरान flickr.com की वेबसाइट पर भी वायरल तस्वीर मिली। यहां भी तस्वीर में सिर्फ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य नज़र आ रहे हैं,महारानी एलिज़ाबेथ नहीं।
यह तस्वीर nagpurtoday.in की वेबसाइट पर 14 अगस्त 2013 में प्रकाशित एक खबर में मिली। तस्वीर में इन स्वयंसेवकों के सामने कोई नहीं खड़ा था। पूरी खबर यहां देखें।
दूसरी तस्वीर :
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ की तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज में सर्च करने पर हमें britishheritage.com की वेबसाइट पर मिली। एक दिसंबर 2022 को पब्लिश आर्टिकल में महारानी एलिजाबेथ की तस्वीर के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, 2 फरवरी 1956 को अपने कॉमनवेल्थ टूर के दौरान, महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय ने अपने राष्ट्रमंडल दौरे के दौरान नाइजीरिया के कडूना हवाई अड्डे पर नव-नामित क्वीन्स ओन नाइजीरिया रेजिमेंट, रॉयल वेस्ट अफ़्रीकी फ्रंटियर फोर्स के पुरुषों का निरीक्षण किया। यहां फोटो का क्रेडिट (फ़ोक्स फोटो/हॉल्टन आर्काइव/गेट्टी इमेज द्वारा फोटो) को दिया गया था।
CNN की वेबसाइट पर 21 अप्रैल 2016 के आर्टिकल में वायरल तस्वीर को देखा जा सकता है। यहां भी तस्वीर के साथ वही जानकारी दी गई थी, जो अन्य जगह मौजूद है।
वायरल तस्वीर को लेकर हमने आरएसएस दिल्ली के सदस्य राजीव तुली से सम्पर्क किया। उन्होंने बताया कि तस्वीर एडिटेड है। पहले भी ये तस्वीर कई बार वायरल की जा चुकी है।
यह पहली बार नहीं है, जब ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल की गई है। इससे पहले भी यह तस्वीर समान दावे के साथ वायरल हुई थी। जिसकी जांच विश्वास न्यूज़ ने की थी। आप हमारी पहले की पड़ताल को यहां पढ़ सकते हो।
पड़ताल के अंत में हमने एडिटेड तस्वीर को शेयर करने वाले यूजर Er Praveen Kumar की जांच की। जांच में पता चला कि यूजर बिहार के अरवल का रहने वाला है। यूजर किसी खास विचारधारा से प्रभावित है।
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